Best Smartphone Display! हर रोज़ यूज़ करने वाले अपने फोन की डिस्प्ले की इस खूबी को नहीं जानते होंगे आप

Best Smartphone Display! हर रोज़ यूज़ करने वाले अपने फोन की डिस्प्ले की इस खूबी को नहीं जानते होंगे आप
HIGHLIGHTS

फोन में आजकल 60Hz, 90Hz और 120Hz तक रिफ्रेश रेट मिलती है

क्या होती है रिफ्रेश रेट यहां जानें

हाई रिफ्रेश रेट के फायदे व नुकसान

आजकल स्मार्टफोन (smartphone) बनाने वाली कंपनियों की तरफ से रिफ्रेश रेट (refresh rate) को खूब हाइलाइट किया जाता है। हालांकि काफी कम लोगों को रिफ्रेश रेट का मतलब पता होता है। मोबाइल (mobile) या स्मार्ट TV (smart TV) की रिफ्रेश रेट को हर्ट्ज में मापा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जितनी अधिक रिफ्रेश रेट होगी उतना स्मूद फोन होगा। फोन में आजकल 60Hz, 90Hz और 120Hz तक रिफ्रेश रेट डिस्प्ले का ट्रेंड चल रहा है। यह भी पढ़ें:  केवल Rs 199 में 42GB डाटा, ये प्लान देख कर आप नहीं देखेंगे किसी और रिचार्ज की ओर

क्या होती है रिफ्रेश रेट (What is Refresh rate?)

रिफ्रेश रेट को एक तरह से रेंडर टेक्नॉलॉजी से मिलकर बना है। दरअसल, कोई डिवाइस एक निश्चित समय में जितनी बार किसी ग्राफिक या इमेज को प्रोसेस करती है उसे रिफ्रेश रेट कहते हैं। इसे हर्ट्ज में मापा जाता है। टेक्निकली बात करें, तो एक सेकेंड में फ्रेम को रिफ्रेश करने की प्रक्रिया को ही रिफ्रेश रेट कहते हैं। आमतौर पर मोबाइल फोन या टीवी में 60Hz से लेकर 120Hz का इस्तेमाल किया जाता है। अधिक रिफ्रेश रेट के लिए हाई परफॉर्मेंस वाले हार्डवेयर ज़रूरी होता है। यह भी पढ़ें: iPhone 13 Mini भारत मेँ अमेरिका से हजारों रूपये महंगा, जानें 13 अलग-अलग देशों मेँ नए iPhone की कीमत

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हाई रिफ्रेश रेट के फायदे

हाई रिफ्रेश रेट वाले मोबाइल या फिर TV में स्पोर्ट्स या फिर एक्शन सीन को अधिक बेहतर ढंग से देखा जा सकता है। फ्रेम जितनी तेज़ी के साथ रेंडर होंगे डिस्प्ले उतनी ही स्मूद होगी। साथ ही शानदार स्क्रोलिंग का एक्सपिरियन्स मिलता है। अगर आसान भाषा में कहें तो मोबाइल व TV मे लैग  होने की दिक्कत नहीं होती है। वही अगर विडियो को स्ट्रीम करेंगे तो हैवी ग्राफिक्स वाले गेम्स आसानी से चल पाएंगे। अक्सर गेम या विडियो स्ट्रीमिंग के दौरान जब विजुअल अटकते हैं तो हम यही कहते हैं कि कम रैम या साधारण प्रॉसेसर की वजह से ऐसा हो रहा है लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता है बल्कि रिफ्रेश रेट की कमी के कारण भी ऐसा होता है। यह भी पढ़ें: Airtel का धमाका: Rs 499 में सेविंग अकाउंट पर 6% इंटरेस्ट, हर महीने कैशबैक और Disney+ Hotstar का फ्री एक्सेस, जानें क्या है ऑफर

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हाई रिफ्रेश रेट के नुकसान

High refresh rate (हाई रिफ्रेश रेट) के अपने नुकसान भी होते हैं। अधिक रिफ्रेश रेट वाला स्मार्टफोन या TV अधिक बिजली की खपत करते हैं। हालांकि, अब स्मार्टफोन कंपनियों की तरफ से गेमिंग और हाई ग्राफिक के उपयोग के दौरान रिफ्रेश रेट (refresh rate) बदलने का विकल्प दिया जाता है। साथ ही फोन में बड़ी बैटरी और फास्ट चार्जिंग सपोर्ट दिया जाता है।  यह भी पढ़ें: Festive सीजन में खरीदना चाह रहे हैं नया TV तो ये हैं Rs 40 हज़ार के अंदर सबसे बेस्ट डील्स

कौन-सी रिफ्रेश रेट है आपके लिए बेस्ट

अगर आप मोबाइल में सिर्फ कॉलिंग, मैसेजिंग और वेब सर्फिंग सहित छोटे मोटे काम करते हैं तो 60 हर्ट्ज रिफ्रेश रेट काफी है। वहीं विडियो देखने और थोड़े बहुत गेम खेलते हैं तो फिर 90 हर्ट्ज् रिफ्रेश रेट काफी होती है। अगर आप अधिक गेमिंग करते हैं तो 120 ​हर्ट्ज रिफ्रेश रेट वाला फोन आपके लिए सही रहेगा। यह भी पढ़ें: iPhone 13 Pre-Order: आज से शुरू हो रहे हैं भारत में नए आईफोन के लिए प्री-ऑर्डर, जानें क्या है तरीका

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