अब मिनटों में चार्ज हो सकती है आपके फ़ोन की बैटरी

अब मिनटों में चार्ज हो सकती है आपके फ़ोन की बैटरी
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अमेरिकन कंपनी न्यूक्लिअस साइंटिस्ट ने एक ऐसी तकनीक की खोज की है जिसके माध्यम से आपके फ़ोन की बैटरी बहुत कम समय में ही चार्ज हो जायेगी.

अमेरिकी मूल की कंपनी न्यूक्लिअस साइंटिस्ट ने एक ऐसी नई तकनीक खोज न निकली है जिसके माध्यम से आपके फ़ोन की बैटरी कुछ ही मिनटों में चार्ज हो जायेगी. कम्पनी ऐसी तकनीक विकसित करना चाह रही है जो एक टेस्ला इलेक्ट्रिक कार को भी पूरी तरह चार्ज कर सकती है, और यह कार्म उतने ही समय में किया जा सकेगा जितना समय एक कार में फ्यूल भरने में लगता है.

कम्पनी ने एक नई बैटरी तकनीक का निर्माण किया है, जिसे इंटेलीजेंट एनर्जी सिस्टम नाम दिया गया है, यह बैटरी को काफी कम समय में चार्ज कर देने में सक्षम है. इस नई तकनीक के माध्यम से बैटरी की क्षमता में इजाफ़ा होगा और साथ आपको बता दें कि आने वाले डिवाइसेस में इस्तेमाल के लिए इस तकनीक के लिए अप्लाई भी कर दिया गया है.

न्यूक्लिअस साइंटिस्ट की इस तकनीक का इस्तेमाल स्मार्टफोंस से लेकर बिजली से चलने वाली चारों में भी किया जाएगा. यह तकनीक एक स्मार्टफ़ोन को मात्र 5-मिनट में पूरी तरह चार्ज करने में सक्षम है. कंपनी इसके बाद एक इलेक्ट्रिक स्कूटर बैटरी पर भी काम कर रही है, जिसके बाद एक बैटरी स्कूटर को केवल 10 मिनट में चार्ज कर लिया जाएगा. जहाँ कि अब तक हमें देखा है कि 12KM की राइड के लिए हमें अपनी बैटरी चार्ज करने में 280 घंटे लगते हैं. इसके साथ ही कंपनी 10,000mAh के पावर बैंक पर भी काम कर रही है जो घंटों के मुकाबले 15 मिनट में चार्ज हो जाएगा.

इस कम्पनी को लेन हंटर ने शुरू किया था, यह MIT में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं और बायोइंस्ट्रूमेंटेशन लेबोरेटरी के हेड हैं. इस काम को करने के लिए फिजिक्स के पीएचडी, केमिस्ट्री, इंजीनियरिंग और MIT से भी जुड़े लोगों की टीम बनाई गई है. इस तकनीक के लाइसेंस के लिए कई कंपनियों से बात चल रही है. और यह भी सामने आ रहा है कि अपने वर्तमान और भविष्य के प्रोडक्ट्स के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में इस तकनीक को अपनाने की बात चल रही है. न्यूक्लिअस साइंटिस्ट कंपनी ने कहा कि इस तकनीक से विभिन्न कॉन्फ़िगरेशन जैसे लिथियम-आयन और लिथियम पोलीमर बैटरियों के लिए अप्लाई किया जा सकता है. इस तकनीक को बड़े पैमाने पर स्मार्टफ़ोन की बैटरी और बड़े इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयोग किया जा सकता है.

इसके साथ ही अगर देखें तो गूगल, एप्पल और टेस्ला मोटर्स सभी अपनी बैटरियों की क्षमता बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. गूगल एक्स लैब की एक टीम तो 20 बैटरी के एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. और इस तकनीक को हम गूगल ग्लास स्मार्ट कांटेक्ट लेंस और सेल्फ़ ड्राइविंग कार में इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके साथ ही एप्पल ने एक “लार्ज स्केल बैटरी डिवीज़न” बनाया है, इसके अलावा अगर टेस्ला मोटर्स की बात करें तो इसने बैटरी निर्माण के लिए एक गीगाफैक्ट्री को भी शुरू किया है.

सोर्स: टेकक्रंच

 

Silky Malhotra

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Silky Malhotra loves learning about new technology, gadgets, and more. When she isn’t writing, she is usually found reading, watching Netflix, gardening, travelling, or trying out new cuisines. View Full Profile

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