ट्राई ने नेट निरपेक्षता पर कहा, इंटरनेट सेवाएं भेदभावरहित हों

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इसके साथ ही ट्राई ने सरकार को इसकी गतिविधियों पर निगरानी के लिए एक संस्था स्थापित करने का सुझाव दिया है.

ट्राई ने नेट निरपेक्षता पर कहा, इंटरनेट सेवाएं भेदभावरहित हों

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को नेट निरपेक्षता से जुड़ी अपनी सिफारिशें सौंप दी. इन सिफारिशों का लंबे समय से इंतजार था. ट्राई ने कहा है कि इंटरनेट सेवाएं भेदभावरहित होनी चाहिए. इसके साथ ही ट्राई ने सरकार को इसकी गतिविधियों पर निगरानी के लिए एक संस्था स्थापित करने का सुझाव दिया है.

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नियामक द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, "सेवा प्रदाताओं को किसी भी व्यवस्था, समझौते या अनुबंध में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, चाहे वह किसी व्यक्ति के साथ हो, वास्तविक या कानूनी हो या किसी भी नाम से पुकारे जाएं, जिसकी सामग्री, प्रेषक या प्राप्तकर्ता, प्रोटोकॉल या उपभोक्ता उपकरण के आधार पर भेदभावपूर्ण व्यवहार का प्रभाव डालता है."

इसमें यह भी कहा गया है कि भेदभावरहित व्यवहारों पर प्रस्तावित सिद्धांतों का दायरा विशेष रूप से 'इंटरनेट एक्सेस सेवाओं' पर लागू होता है, जो आम तौर पर जनता के लिए उपलब्ध होती हैं.

ट्राई ने कहा है कि इंटरनेट एक्सेस सेवा एक ऐसे सिद्धांत द्वारा शासित हो, जो सामग्री में किसी भी तरह हस्तक्षेप या भेदभाव को रोके.

संस्था ने कहा है कि इंटरनेट एक्सेस सेवा प्रदाता ट्रैफिक प्रबंधन के लिए उचित जांच-परख कर सकते हैं, बशर्ते कि यह समानुपातिक, तात्कालिक व पारदर्शी हो.

नियामक ने सिफारिश की है, "दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) को अपने ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रैक्टिसेज को घोषित करने की जरूरत होगी, कि इसे कब और कैसे तैनात किया गया और इसका उपभोक्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ सकता है."

उल्लेखनीय है कि टीएसपी और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) कंपनियों के बीच नेट निरपेक्षता को लेकर विवाद रहा है. नियामक इस मुद्दे पर बीते दो सालों से बहस कर रहा था.

नियामक ने सिफारिश की है कि निगरानी व प्रवर्तन के लिए, दूरसंचार विभाग (डीओटी) एक बहु-हितधारक संस्था की स्थापना कर सकता है, जिसमें सभी हितधारकों के लिए सहयोगी ढांचा हो.

IANS

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