TikTok की भारत में हो रही वापसी? भारत सरकार का बड़ा बयान आया सामने, अश्विनी वैष्णव में बताया- पर्दे के पीछे क्या चल रहा है
पिछले कुछ समय से भारत में TikTok की वापसी को लेकर जो अटकलें लगाई जा रही थीं, उन पर अब पूरी तरह से विराम लग गया है. केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि चीनी शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म पर लगे बैन को हटाने का कोई विचार नहीं है. केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक इंटरव्यू में स्पष्ट रूप से कहा है कि इस मामले पर कोई चर्चा तक नहीं हो रही है.
Surveyसरकार ने TikTok की भारत में वापसी की संभावना से इनकार कर दिया है. केंद्रीय आईटी, सूचना एवं प्रसारण और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि चीनी शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म पर लगे बैन को हटाने की कोई भी योजना विचाराधीन नहीं है.
Moneycontrol को दिए एक इंटरव्यू में वैष्णव ने स्पष्ट किया कि सरकार के भीतर इस मामले पर चर्चा तक नहीं हुई है. उन्होंने उन अटकलों पर जवाब देते हुए कहा, “किसी भी तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव बिल्कुल नहीं आया है,” जिसमें कहा जा रहा था कि TikTok की पेरेंट कंपनी ByteDance फिर से प्रवेश की तैयारी कर सकती है.
यह अटकलें तब तेज हो गईं जब पिछले महीने भारत में TikTok की वेबसाइट Airtel और Vodafone सहित कुछ ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क पर कुछ समय के लिए एक्सेस हो गई थी. इस छोटी सी गड़बड़ी ने सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा छेड़ दी थी कि ऐप वापस आ सकता है, लेकिन अधिकारियों ने अब कुछ और ही स्पष्ट किया है.
भारत में क्यों और कब बैन हुआ था TikTok?
TikTok पर भारत में पहली बार जून 2020 में बैन लगाया गया था, जब केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी की चिंताओं का हवाला देते हुए 59 चीनी ऐप्स को ब्लॉक कर दिया था. इसके तुरंत बाद Apple और Google ने ऐप्स को अपने स्टोर से हटा दिया, और जनवरी 2021 में इस प्रतिबंध को स्थायी कर दिया गया. उस समय भारत TikTok का सबसे बड़ा यूजर बेस था, जिसमें 200 मिलियन से अधिक लोग प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे थे.
ByteDance के अन्य प्रोडक्ट्स को भी इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ा. Helo और CapCut जैसे ऐप्स को TikTok के साथ ब्लॉक कर दिया गया. बाद में, कंपनी को भारत में अपनी म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस Resso को भी बंद करना पड़ा, जब उसे Google Play और Apple App Store दोनों से हटा दिया गया.
चीनी निवेश पर सरकार का क्या है रुख?
इस सवाल पर कि क्या चीनी इन्वेस्टर भारतीय टेक इकोसिस्टम में फिर से सक्रिय हो सकते हैं, वैष्णव ने कहा कि सरकार एक पारदर्शी दृष्टिकोण का पालन करेगी.
प्रतिबंधों के कड़े होने से पहले, Tencent, Alibaba, Ant Financial और Shunwei Capital जैसे चीनी इन्वेस्टर भारतीय स्टार्टअप्स के सबसे बड़े समर्थकों में से थे. हालांकि, अप्रैल 2020 में केंद्र ने प्रेस नोट 3 के माध्यम से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के लिए सख्त नियम पेश किए. नई पॉलिसी ने भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों के इन्वेस्टर्स के लिए पूर्व सरकारी अनुमोदन को अनिवार्य कर दिया, जिससे चीनी निवेश धीमा हो गया.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile