Facebook यूज करने वालों की प्राइवेसी खतरे में, ये फीचर ऑन करते ही एक-एक फ़ोटो स्कैन करने लगेगा ऐप, तुरंत करें ये काम
मार्क जुकरबर्ग की कंपनी Meta एक बार फिर प्राइवेसी विवादों में घिर गई है। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, Meta का नया AI फीचर ‘Cloud Processing’ अब यूजर्स से उनके फोन में मौजूद फोटोज़ तक का एक्सेस मांग रहा है, भले ही वो तस्वीरें कभी अपलोड या शेयर न की गई हों।
Surveyटेकक्रंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ यूजर्स जब फेसबुक पर स्टोरी पोस्ट करने की कोशिश कर रहे थे, तो उन्हें एक नोटिफिकेशन दिखाई दिया। इसमें पूछा गया कि क्या वो Meta के नए AI फीचर को एक्टिवेट करना चाहते हैं। अगर यूजर सहमति देता है, तो Meta नियमित रूप से उसके डिवाइस की फोटो गैलरी को स्कैन करता है और फोटोज़ को अपने क्लाउड में सेव करता है। इस एक्सेस के बदले कंपनी यूजर को AI-जनरेटेड क्रिएटिव आइडियाज़ जैसे बर्थडे रिकैप्स, फोटो कोलाज और अन्य सजेस्टिव कंटेंट ऑफर करती है।
फीचर ऑन करने पर क्या होगा?
अगर आप इस फीचर को इनेबल कर देते हैं तो आप Meta को यह अधिकार दे देते हैं कि वह आपके फोन में मौजूद निजी तस्वीरों को लगातार स्कैन और एनालाइज कर सके। AI उन फोटोज़ में दिखने वाले चेहरे, लोकेशन, चीजें और टाइमस्टैम्प को पहचान सकता है। साथ ही यह आपके फोटो के मेटाडेटा (जैसे फोटो कब और कहां ली गई) को भी एक्सेस करता है।
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Meta का क्लैरिफिकेशन और यूजर की चॉइस
Meta ने स्पष्ट किया है कि यह फीचर पूरी तरह वैकल्पिक (Optional) है, और यूजर चाहे तो इसे बंद कर सकता है। अगर कोई यूजर फीचर को डिसेबल करता है, तो Meta का दावा है कि वह 30 दिनों के अंदर यूजर की तस्वीरों को अपने सर्वर से हटा देगा।
हालांकि, प्राइवेसी एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस फीचर को एक ‘क्रिएटिव टूल’ की तरह पेश किया गया है, ताकि यूजर्स बिना ज्यादा सोचे इसे इनेबल कर दें। यह पहली बार नहीं है जब Meta की डेटा पॉलिसी पर सवाल उठे हों। कंपनी पहले भी यह स्वीकार कर चुकी है कि वह 2007 से अपने AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मौजूद पब्लिक कंटेंट का इस्तेमाल कर रही है। लेकिन Meta ने कभी यह नहीं बताया कि ‘पब्लिक कंटेंट’ की परिभाषा क्या है या वह कितने पुराने डेटा को AI ट्रेनिंग में शामिल करता है।
एक्सपर्ट्स की चेतावनी
रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह फीचर सिर्फ एक क्रिएटिव ऑप्शन नहीं, बल्कि Meta के लिए आपके फोन से ज्यादा निजी डेटा इकट्ठा करने का जरिया बन सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूजर्स को बहुत सोच-समझकर ऐप्स को अपनी गैलरी तक एक्सेस देना चाहिए।
आपको क्या करना चाहिए?
- अपने फेसबुक ऐप को खोलें और सेटिंग्स में जाकर यह चेक करें कि ‘Cloud Processing’ फीचर ऑन तो नहीं है।
- अगर यह एक्टिव है, तो आप इसे तुरंत बंद करें ताकि आपकी फोटोज़ Meta के क्लाउड में अपलोड न हो सकें।
- किसी भी ऐप को गैलरी एक्सेस देने से पहले यह समझ लें कि आपका डेटा कैसे और कहां इस्तेमाल हो सकता है।
जहां यह AI फीचर आपको कुछ क्रिएटिव सुझाव दे सकता है, वहीं यह आपकी प्राइवेसी के लिए एक बड़ा खतरा भी साबित हो सकता है। इसलिए सतर्क रहें, सावधानी बरतें और बिना पूरी जानकारी के कोई भी परमिशन न दें।
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Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile