Christmas और New Year पर हो न जाना किसी ऑनलाइन फ्रॉड या स्कैम का शिकार, इन बातों की बांध लो गांठ

Christmas और New Year पर हो न जाना किसी ऑनलाइन फ्रॉड या स्कैम का शिकार, इन बातों की बांध लो गांठ

क्रिसमस की सेल का मौसम जितना खुशियों से भरा होता है, उतना ही यह ऑनलाइन ठगी के लिए भी मुफ़ीद माना जाता है। एक छोटी सी गलती आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकती है। जैसे-जैसे लोग ऑनलाइन शॉपिंग में पहले से ज्यादा समझदार हो रहे हैं, वैसे-वैसे स्कैमर्स भी अपने तरीके बदल रहे हैं। अब सिर्फ फेक मैसेज या नकली वेबसाइट ही नहीं, बल्कि इतने प्रोफेशनल और असली जैसे जाल बिछाए जा रहे हैं कि अच्छे-खासे सतर्क लोग भी फंस सकते हैं। ऐसे में क्रिसमस की खरीदारी को तनाव नहीं बल्कि सुकून भरा अनुभव बनाने के लिए थोड़ा सावधान रहना बेहद जरूरी हो जाता है।

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क्रिसमस सेल के दौरान सबसे ज्यादा देखने में आने वाला फ्रॉड फर्जी डिलीवरी मैसेज का होता है। लोगों को SMS या WhatsApp पर यह कहा जाता है कि उनका पार्सल डिले हो गया है या डिलीवर नहीं हो पाया है और समस्या ठीक करने के लिए एक लिंक पर क्लिक करने को कहा जाता है। जैसे ही कोई उस लिंक पर जाता है, वह एक नकली वेबसाइट पर पहुंच जाता है, जहां उससे लॉगिन डिटेल या पेमेंट जानकारी मांगी जाती है। कई बार इसी एक क्लिक से बैंक अकाउंट तक खाली हो जाता है।

सोशल मीडिया पर भी इस समय फेक गिवअवे तेजी से बढ़ जाते हैं। Instagram, Facebook या अन्य प्लेटफॉर्म पर अचानक मैसेज आता है कि आपने कोई बड़ा क्रिसमस गिफ्ट जीत लिया है। फिर प्राइज भेजने के नाम पर छोटी सी शिपिंग फीस मांगी जाती है। कई बार ये अकाउंट असली ब्रांड्स जैसे दिखते हैं, लेकिन पैसे भेजते ही अकाउंट गायब हो जाता है और यूज़र को समझ आता है कि वह ठगा जा चुका है।

इसके अलावा नकली शॉपिंग वेबसाइट्स भी इस मौसम में खूब एक्टिव हो जाती हैं। ये वेबसाइट्स बिल्कुल असली ऑनलाइन स्टोर्स जैसी दिखती हैं, भारी डिस्काउंट दिखाया जाता है और ऑर्डर कन्फर्मेशन मेल तक भेज दिया जाता है। लेकिन पेमेंट करने के बाद न तो प्रोडक्ट आता है और न ही कोई कस्टमर सपोर्ट जवाब देता है। खासकर जब किसी महंगे फोन या गैजेट पर बहुत ज्यादा सस्ता ऑफर दिखे, तो सतर्क हो जाना चाहिए।

इन सबसे बचने के लिए सबसे जरूरी है कि किसी भी अनजान लिंक पर बिना सोचे-समझे क्लिक न करें। अगर कोई डिलीवरी से जुड़ा मैसेज आए और आपको याद ही न हो कि आपने ऑर्डर किया है, तो सीधे उस ब्रांड की ऑफिशियल ऐप या वेबसाइट पर जाकर चेक करें। खरीदारी से पहले वेबसाइट का URL ध्यान से देखें, हल्की सी स्पेलिंग की गलती या अजीब डोमेन अक्सर स्कैम की पहचान होती है। सोशल मीडिया पर दिखने वाले हर गिवअवे पर भरोसा न करें, क्योंकि असली ब्रांड कभी भी इनाम देने के बदले पैसे नहीं मांगते।

ऑनलाइन शॉपिंग करते समय ऐसे पेमेंट तरीकों का इस्तेमाल करें जिनमें कस्टमर प्रोटेक्शन मिलता हो, ताकि जरूरत पड़ने पर शिकायत दर्ज कराई जा सके। सबसे अहम बात यह है कि अगर कोई डील बहुत ज्यादा सस्ती या जल्दी फैसला लेने का दबाव बना रही हो, तो एक बार रुककर सोचना जरूरी है। अक्सर आपका मन जो शक कर रहा होता है, वही आपको स्कैम से बचा सकता है।

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Ashwani Kumar

Ashwani Kumar

Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life. View Full Profile

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