इस कमाल की टेक्नोलॉजी से नहीं चोरी होगा आपका फ़ोन, Ericsson ने फाइल किया पेटेंट

Updated on 18-Jun-2019
HIGHLIGHTS

स्वीडन की कंपनी एरिक्सन ने नई टेक्नोलॉजी के लिए फाइल किया पेटेंट

दिल की धड़कनों से भी पता चलेगा फ़ोन के यूज़र का

Sweden Company, Ericsson ने हाल ही में एक पेटेंट फाइल किया है। दरअसल कंपनी एक नई और बड़े ही काम की टेक्नोलॉजी लाने का सोच रही है और इसी को लेकर उसने ये खास पेटेंट फाइल किया है। अब अगर आपको अपने फ़ोन की चोरी होने की चिंता है तो आप बेफिक्र हो जाइये।

इस स्वीडन की कंपनी ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी तैयार की है, जिसमें अगर आपका फ़ोन कोई चुराने की कोशिश करता है या चुराने के इरादे से उसे छूता है तो फ़ोन इतनी तेजी से वाइब्रेट करेगा कि उसे पकड़ना बहुत ही मुश्किल होगा।

दरअसल यह Low Friction Mode में आने की वजह से फ़ोन की लेयर चिकनी हो जाएगी और तब साथ ही वह लगातार वाइब्रेट करने लगेगा जिसकी वजह से फ़ोन को पकड़ने में ही काफी मुश्किल हो सकती है। आपको बता दें कि एरिक्सन कंपनी ने इस टेक्नोलॉजी को पेटेंट करवाने के लिए फरवरी में आवेदन किया है।

Ericsson का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी की मदद से मोबाइल चोरी होने वाली आये दिन कि घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा। वैसे एप्पल iOS ऑपरेटिंग सिस्टम से संचालित होने वाले iPhone में एक्टीवेशन लॉक की सुविधा दी गयी है। आपको बता दें कि इस खास फीचर की शुरुआत किये जाने पर लंदन में iPhone की लूटपाट संबंधी घटनाओं में 24% और San Francisco में 38% की कमी पायी गयी है।

ये है टेक्नोलॉजी की खास बात

कंपनी ने कहा है कि पेटेंट मिलने के बाद से ही इसपर काम शुरू कर दिया जायेगा और उत्पादन भी किया जाने लगेगा। अगर इस टेक्नोलॉजी की खास बात के बारे में बात लकारें तो वह यह है कि मोबाइल चोरी होने से बचाने के लिए बायोमीट्रिक, फिंगरप्रिंट और पहचान के लिए ऑप्टिकल सेंसर लगाए गए हैं जो अलग-अलग मोड पर काम करेंगे। Low Friction Mode के जरिये दिल की धड़कनों से यह भी पता लगाया जा सकता है कि मोबाइल का यूज़र कौन है। वहीँ High Friction Mode में यह पता लगाया जा सकता है कि डिवाइस हाथ, जेब में है या फिर किसी दूसरी जगह पर है।

नोट: डिजिट हिंदी को अब Instagram और Tiktok पर फॉलो करें। 

Disclaimer: Digit, like all other media houses, gives you links to online stores which contain embedded affiliate information, which allows us to get a tiny percentage of your purchase back from the online store. We urge all our readers to use our Buy button links to make their purchases as a way of supporting our work. If you are a user who already does this, thank you for supporting and keeping unbiased technology journalism alive in India.
Connect On :