ये हैं भारत के Chandrayaan 2, Pragyaan Rover की तस्वीरें, 15 जुलाई को प्रक्षेपण

Updated on 08-Jul-2019
HIGHLIGHTS

ISRO 15 जुलाई को चंद्रयान 2 को करेगा प्रक्षेपित

सफल होने पर भारत ऐसा करने वाला बनेगा चौथा देश

चंद्रयान 2 की तस्वीरें आयीं सामने

Chandrayaan 2 सैटेलाइट की पहली तस्वीर सामने आ चुकी है। इसी के साथ इसरो के मुताबिक 'चंद्रयान 2' पृथ्वी से चंद्रमा की ओर श्रीहरिकोटा से अगले हफ्ते 15 जुलाई को रवाना होगा। इस सैटेलाइट का वजन 3.8 टन है। अबतक मिली जानकरी के मुताबिक जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट के ज़रिए ही अंतरिक्ष में Chandrayaan 2 को भेजा जाएगा।

आपको बता दें कि यह Chandrayaan 2, 1000 करोड़ की लागत का मिशन है। जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट के प्रक्षेपण के बाद उपग्रह 'चंद्रयान 2' को कई हफ्ते लगेंगे जिसके बाद सैटेलाइट चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सितंबर 2019 के पहले हफ्ते में उतरेगा। यह एक रोबोटिक मिशन है जो किसी भी मनुष्य को चाँद की सतह पर नहीं ले जायेगा। 

जानें  Chandrayaan 2 के बारे में

Chandrayaan 2 को भारत में ही तैयार किया गया है और यह तीन मॉड्यूल से लैस है जिसमें ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं। जहां ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह को चित्रित करेगा और चंद्रमा पर मिनरल्स की मैपिंग करेगा वहीँ 1,471 किलोग्राम वज़नी लैंडर moon-quakes यानी चंद्रमा के कंपन और उसके तापमान को मापेगा। वहीँ 27 किलोग्राम का प्रज्ञान रोवर कैमरा और उपकरणों के साथ चंद्र मिट्टी का विश्लेषण करेगा।

चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं है आसान

NDTV की रिपोर्ट्स के मुताबिक ISRO Chairman Dr K Sivan का कहना है कि मिशन का सबसे भयानक पहलू "चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग" होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत ने कभी भी सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश नहीं की है। इस तरह यह पहली बार होगा जब भारत सॉफ्ट लैंडिंग करेगा और अगर यह सॉफ्ट लैंडिंग सफल रही तो ह ऐसा करने वाला चौथा देश बन जायेगा। इससे पहले US, Russia और China भी ऐसा कर चुके हैं।

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