व्हाट्सएप ने जुलाई 2022 में 23 लाख से अधिक Accounts को किया बैन, देखें कारण

Updated on 02-Sep-2022
By
HIGHLIGHTS

मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने नए आईटी नियम, 2021 के तहत जुलाई में भारत में 23 लाख से अधिक खराब खातों को बैन कर दिया।

कंपनी ने गुरुवार को ये जानकारी दी। व्हाट्सऐप को भारत में जुलाई के महीने में 574 शिकायतें भी मिलीं, और कार्रवाई 27 पर हुई।

देश में 40 करोड़ से अधिक यूजर्स वाले प्लेटफॉर्म ने जून में खराब रिकॉर्ड वाले 22 लाख से अधिक खातों को बैन किया था।

मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने नए आईटी नियम, 2021 के तहत जुलाई में भारत में 23 लाख से अधिक खराब खातों को बैन कर दिया। कंपनी ने गुरुवार को ये जानकारी दी। व्हाट्सऐप को भारत में जुलाई के महीने में 574 शिकायतें भी मिलीं, और कार्रवाई 27 पर हुई।

देश में 40 करोड़ से अधिक यूजर्स वाले प्लेटफॉर्म ने जून में खराब रिकॉर्ड वाले 22 लाख से अधिक खातों को बैन किया था।

यह भी पढ़ें: हर प्राइस में आ रहे हैं बेस्ट कैमरा फोंस, देखें आपके बजट में कौन-सा फोन है बेस्ट

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "आईटी नियम 2021 के अनुसार, हमने जुलाई 2022 के लिए अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है। जैसा कि मासिक रिपोर्ट में दर्ज किया गया है, व्हाट्सऐप ने जुलाई महीने में 2.3 मिलियन यानि 23 लाख से अधिक खातों (2,387,000) पर प्रतिबंध लगा दिया है।"

सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के 4(1)(डी) के अनुसार प्रकाशित, रिपोर्ट में भारत में यूजर्स से प्राप्त शिकायतों पर व्हाट्सऐप द्वारा की गई कार्रवाई का डेटा शामिल है। आपत्तियां शिकायत तंत्र के माध्यम से प्राप्त की गईं और सेवा की शर्तों के उल्लंघन के लिए इसकी रोकथाम और पता लगाने के तरीकों से खातों पर कार्रवाई की गई।

आईटी नियम 2021 के तहत, 50 लाख से अधिक यूजर्स वाले प्रमुख डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मासिक अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करनी होती है।

यह भी पढ़ें: Realme C30s फोन NBTC और EEC सर्टिफकेशन डाटाबेस पर आया नजर

व्हाट्सऐप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवा के बीच दुरुपयोग को रोकने में अग्रणी है। वर्षों से, हमने अपने यूजर्स को अपने प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य अत्याधुनिक तकनीक, डेटा वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों और प्रक्रियाओं में निवेश किया है, कंपनी के प्रवक्ता ने कहा।

Disclaimer: Digit, like all other media houses, gives you links to online stores which contain embedded affiliate information, which allows us to get a tiny percentage of your purchase back from the online store. We urge all our readers to use our Buy button links to make their purchases as a way of supporting our work. If you are a user who already does this, thank you for supporting and keeping unbiased technology journalism alive in India.
IANS

Indo-Asian News Service

Connect On :
By