ISRO से जुड़े भारतीय रेलवे के इंजन, यात्रियों को मिलेगी ये सुविधा

Updated on 18-Jan-2019
HIGHLIGHTS

भारतीय रेलवे ने अपने लोकोमोटिव्स को ISRO सैटेलाइट्स से लिंक कर लिया है। इस तरह अब आप किसी भी भारतीय ट्रेन को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं। ट्रेन के आने-जाने का सही समय और बाकी सम्बंधित जानकारी अब आपको आसानी से मिलेगी।

खास बातें:

  • ट्रेन स्टेटस का चलेगा पता
  • कुछ ट्रेन में शुरू हुआ सिस्टम
  • ISRO RTIS का होगा इस्तेमाल

 

भारतीय रेलवे ने अपने यात्रियों को एक अच्छी खबर दी है। भारतीय रेलवे ने ISRO का साथ पकड़ लिया है। इसरो के साथ मिलकर अब यात्रियों का सही मायने में भारतीय रेलवे उनकी यात्रा और भी अच्छी और सुविधाजनक बनाएगा। अब आपको ट्रेन की स्थिति की जानकारी आसानी से मिल जाएगी। दरअसल रेलवे ने अपने इंजन को ISRO के उपग्रह से जोड़ दिया है। इस तरह अब उपग्रहों से मिली जानकारी से ट्रेन के बारे में पता लगाना और भी आसान हो गया है। ट्रेन की लाइव ट्रैकिंग के ज़रिये उसके आगमन और प्रस्थान का दर्ज होना आसान हो गया है।

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है कि यह नए साल में एक नई शुरुआत की गई है। ट्रेन के आवागमन की सूचना प्राप्त करने और कंट्रोल चार्ट में दर्ज करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह आधारित रियल टाइम ट्रेन इन्फोरमेशन सिस्टम (RTIS) से ऑटोमेटिकली इस्तेमाल किया जाने लगा है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह सिस्टम जनवरी के पहले हफ्ते में ही शुरू कर दिया गया। माता वैष्णो देवी-कटरा बांद्रा टर्मिनस, नई दिल्ली-पटना, नई दिल्ली-अमृतसर और दिल्ली-जम्मू रूट पर कुछ मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए इस सिस्टम की शुरुआत की जा चुकी है। इस तरह भारतीय रेलवे  ट्रेनों के संचालन के लिए अपने कण्ट्रोल रूम और अपने नेटवर्क को और भी मॉडर्न बनाना चाहता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस तरह के कदम से ट्रेनों के परिचालन की सही सूचना मिलेगी और पूरे सिस्टम में सुधार लाया जा सकेगा। इंजन में इंस्टाल किया गया आरटीआईएस डिवाइस और इसरो की तरफ से तैयार किया गया GAGAN geo-positioning system की मदद से ट्रेनों की स्पीड और पोजीशन के बारे में पता लगाया जाता है।

                             

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