करोड़ों में नहीं, केवल 50,000 रुपए में तैयार हुआ ‘Air pollution sensor’

Updated on 11-Jan-2019
HIGHLIGHTS

IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने ये एयर पॉल्युशन सेंसर तैयार किया है जिसकी लागत केवल 50,000 रुपए आयी है। ट्रायल के बाद यह सेंसर देश के बाकी लगभग 150 शहरों में इसे इनस्टॉल किया जायेगा। इंटरनैशनल मार्किट में इसकी लागत करोड़ों में है।

खास बातें:

  • पहले 25 सेंसर्स IIT-Kanpur में होंगे इंस्टॉल
  • 150 शहरों को मिलेगा इसका फायदा
  • हानिकारक गैसों के स्तर को मापेगा ये सेंसर

 

Indian Institute of Technology यानी IIT-Kanpur के वैज्ञानिकों ने प्रदूषण मापने का सबसे सस्ता सेंसर तैयार किया है। इस संबंध में IIT-Kanpur के प्रोफेसर S N Tirpathi ने बताया कि यह सेंसर ओजोन और नाइट्रोजन ऑक्साइड के साथ सभी हानिकारक गैसों के स्तर को मापेगा।  इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस क्षमता के सेंसर की कीमत वैसे तो एक करोड़ रुपये के लगभग होती है लेकिन कानपुर के वैज्ञानिकों ने इसे केवल 50,000 रुपये की कीमत में तैयार किया है।

बताया जा रहा है कि सेंसर की टेस्टिंग जून 2019  में होगी और अगर यह सफल रहा तो पहले चरण में इस सेंसर को देश के 150 शहरों में लगाया जाएगा। इसके साथ ही विशेषज्ञों के मुताबिक तैयार किये गए सेंसर्स को सबसे पहले सफल टेस्टिंग के बाद IIT-Kanpur campus में इनस्टॉल किया जायेगा इसके बाद ही बाकी शहरों को इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही आपको बता दें कि कानपुर के साथ ही IIT-Bombay में भी 15 air pollution sensor लगाए जायेंगे।

इतना ही नहीं, Tripathi का कहना है कि टेस्टिंग के बाद यह भी तय हो चुका है कि वाराणसी में भी टेस्टिंग के बाद  50-60 सेंसर्स लगाए जायेंगे। उन्होंने बताया कि इस तरह का सस्ता और भरोसेमंद मॉनिटरिंग सेंसर को India-US project के तहत तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए Union government के Department Science and Technology ने भी पैसे लगाए हैं और इस प्रोजेक्ट को सपोर्ट किया है। 

इसके साथ ही इंस्टीट्यूट के dean research और alumni professor, B V Fadi ने कहा कि देश में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए इस तरह का फैसला लिया गया और यह तय किया गया की इसके लिए वो सब एक साथ काम करेंगे। उन्होंने बताया कि WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में लगभग 1.60 लाख लोगों की मौत प्रदूषण से हुई है और इस तरह देश में डेथ रेट बढ़ रहा है। ऐसे में इस तरह का कदम उठाया जाना ज़रूरी था। 

आपको बता दें कि इससे पहले आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने फिल्‍मी कैरेक्‍टर 'मिस्‍टर इंडिया' के गायब होने वाले फॉर्मूले की तरह ही एक फॉर्मूला खोजने का दावा किया था जिसके इस्तेमाल से इंसान ओझल हो सकते हैं।  विशेषज्ञों की मानें तो उनका यह फार्मूला भारतीय सेना के जवानों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।

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