आप जानते ही हैं कि कुछ व्हाट्सऐप के माध्यम से चल पड़ी एक अफवाह में कहा जा रहा था कि नए 2000 के नोट में नैनो-GPS चिप होने वाली है RBI ने इन सभी अफवाहों को नकार दिया है.
जैसा कि सभी जानते हैं कि देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवम्बर 2016 को देश को संबोधित करते हुए अपने एक भाषण में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. और 500 और 1000 के नोटों को देश में अमान्य कर दिया है. उन्होंने कहा कि आज रात 12 बजे से देश में 500 और 1000 के नोट महज़ एक कागज़ के टुकड़े के समान हैं, इनका कोई मोल नहीं रहेगा, इसके स्थान पर देश में 500 और 2000 के नए नोट जारी किये जायेंगे.
और इसके साथ ही आपको बता दें कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश में जल्द ही पेश किये जाने वाले 2000 के नोट की घोषणा की है. कुछ अफवाहें आ रही हैं कि इस नोट में एक नैनो GPS चिप होने वाली है. हालाँकि RBI की ओर से इस बात को नाकारा जा चुका है.
तो आइये जानते हैं आखिर क्या है ये नई तकनीक
आपको बता दें कि इस नैनो-GPS चिप के माध्यम से इस नोट की ट्रैकिंग संभव हो सकेगी. और ये 120 मीटर तक जमीन के अन्दर भी सैटेलाइट की मदद से इस नोट की ट्रैकिंग हो सकेगी.
इसके अलावा आपको बता दें कि खबरें आ रही हैं कि ये नोट किसी भी पॉवर सोर्स के बिना काम करेगा. और अगर ऐसा हुआ तो ये एक बड़ा कदम और शानदार पहलू हो सकता है.
इसके अलावा सैटेलाइट और इस चिप की मदद से ये पता लगाने में भी जानकारी मिलेगी कि किस जगह ज्यादा धन एक ही स्थान पर जमा है. और ये जानकारी अपने आप ही भारतीय आयकर विभाग को मिल जायेगी.
और आयकर विभाग अगर पता है कि ये धन काला धन हो सकता है तो उसके लिए कार्रवाई की जायेगी.
इसके अलावा अगर इस चिप को किसी तरह से निकाल दिया जाता है तो ये नोट किसी काम का नहीं रहेगा.
यहाँ जानिये आखिर RBI ने ट्वीट करके क्या जानकारी दी है
https://twitter.com/RBI/status/796031080755138563
इसके अलावा आपको बता दें कि RBI ने अपनी एक प्रेस विज्ञप्ति में इस फीचर के बारे में ये कहा है,
इस नोट का बैक साइड ऐसा होगा:
आप यहाँ 2000 का साइन देख सकते हैं
और आपको एक 2000 की तस्वीर भी दिखाई देगी
इसके अलावा आप २००० को देवनागरी ने भी देख सकेंगे
इसके अलावा देश की सबसे बड़ी हस्ती महात्मा गाँधी की तस्वीर को नोट के नीच में जगह दी गई है
इसके अलावा RBI और 2000 को नोट के बायीं ओर जगह दी गई है
Disclaimer: Digit, like all other media houses, gives you links to online stores which contain embedded affiliate information, which allows us to get a tiny percentage of your purchase back from the online store. We urge all our readers to use our Buy button links to make their purchases as a way of supporting our work. If you are a user who already does this, thank you for supporting and keeping unbiased technology journalism alive in India.