Aarogya Setu App में बग ढूंढा तो सरकार देगी 1 लाख रुपये

Updated on 28-May-2020
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आपको बता देते हैं कि ऐसा भी सामने आ रहा है कि कांटेक्ट ट्रेसिंग तकनीकी का इस्तेमाल करके आरोग्य सेतु एप्प ने कोरोनावायरस के संकरण को भी काफी कम किया है

इस एप्प की सहायता से लगभग 1,40,000 से ज्यादा लोगों की मदद भी की है। यह अपने आप में एक बड़ा आंकड़ा है

कोड को ओपन सोर्स करने के अलावा सरकार की ओर से बग बाउन्टी प्रोग्राम की भी घोषणा की है। इस कार्यक्रम के माध्यम से सिक्यूरिटी शोधकर्ताओं को लगभग 1 लाख की राशि मिल सकती है

अभी हाल ही में हमने देखा था कि Aarogya Setu App को लेकर विशेषज्ञों ने गोपनीयता और अन्य कई सुरक्षा पहलूओं को लेकर सवाल खड़े किये थे, अर्थात् कुछ समय पहले तक Aargoya Setu App सुरक्षा संबंधी कई समस्याओं को लेकर कटखड़े में था। हालाँकि अब NITI Aayog की ओर से आरोग्य सेतु एप्प के कोड को ओपन सोर्स कर दिया है। आपको बता देते हैं कि कांटेक्ट ट्रेसिंग एप्प यानी आरोग्य सेतु इस समय लगभग 10 यूजर्स के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है, अर्थात् इस एप्प के लगभग 10 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर्स या सब्सक्राइबर्स हैं। हालाँकि इस नए कदम को यानी सोर्स कोड को ओपन करने को लेकर जो कदम उठाया गया है, वह एप्प के बाजार में आने के लगभग 41 दिनों के बाद उठाया गया है। 

आपको बता देते हैं कि नीति आयोग की ओर से एंड्राइड वर्जन के सोर्स कोड को ओपन कर दिया गया है, इसे लेकर ऐसा कहा जाता है कि इसे लगभग 98 फीसदी यूजर्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अब ऐसा भी सामने आ रहा है कि एंड्राइड के लिए सोर्स को ओपन करने के बाद अब iOS और KaiOS को लेकर भी ऐसा भी कदम जल्द ही उठाया जाने वाला है। 

आपको बता देते हैं कि यह आरोग्य सेतु सोर्स कोड अब आपको GitHub पर उपलब्ध है, इसे 26 तारीख की आधिक रात को ही यहाँ उपलब्ध करा दिया जा चुका है, अगर आप इसे इस्तेमाल करना चाहते हैं या इसे देखना चाहते हैं तो आ यहाँ जाकर ऐसा कर सकते हैं। इसके अलावा आपको यह भी बता देते हैं कि NIC यानी राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के शोधकर्ताओं ने आरोग्य सेतु एप्प में खामियां खोजने के लिए एक कार्यक्रम भी पेश किया है, जिसे बग बाउन्टी प्रोग्राम कहा जा रहा है। 

आपको बता देते हैं कि ऐसा भी सामने आ रहा है कि कांटेक्ट ट्रेसिंग तकनीकी का इस्तेमाल करके आरोग्य सेतु एप्प ने कोरोनावायरस के संकरण को भी काफी कम किया है, आपको बता देते हैं कि इस एप्प की सहायता से लगभग 1,40,000 से ज्यादा लोगों की मदद भी की है। यह अपने आप में एक बड़ा आंकड़ा है। 

आपको यह भी बता देते हैं कि कोड को ओपन सोर्स करने के अलावा सरकार की ओर से बग बाउन्टी प्रोग्राम की भी घोषणा की है। इस कार्यक्रम के माध्यम से सिक्यूरिटी शोधकर्ताओं को लगभग 1 लाख की राशि मिल सकती है। इसके लिए एप्प में कमियों और कमजोरियों को खोजना होगा। अगर कोई व्यक्ति इसमें कामयाब हो जाता है तो उसे यह राशि दे दी जाने वाली है। 

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