साल 2020 से बैन थे कई चीनी ऐप्स, ज्यादातर की हो गई वापसी, दिख रहे ये बदलाव, क्या फिर एक्शन लेगी सरकार?

Updated on 12-Feb-2025

साल 2020 में भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया था. 267 चीनी ऐप को सिक्योरिटी खामी और प्राइवेसी चिंता की वजह से बैन कर दिया गया था. उस टाइम भारत-चीन के बीच बॉर्डर टेंशन भी इसकी एक वजह मानी गई. लेकिन, अब इस घटना को हुए लगभग 5 साल हो गए हैं. नई रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से ज्यादातर ऐप्स की वापसी हो चुकी है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि कई ऐप अपने ओरिजिनल रूप में या अलग-अलग नाम के साथ देश में वापसी कर चुके हैं. पहले से बैन में कम से कम 36 ऐप अब Google Play Store और Apple के ऐप स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं. इनमें से कुछ ऐप ओरिजिनल पहचान के साथ उपलब्ध हैं जबकि दूसरे ऐप्स ने ब्रांडिंग, लोगो या डेवलपर डिटेल्स में मामूली बदलाव किए हैं.

ये ऐप गेमिंग, शॉपिंग, एंटरटेनमेंट, फाइल शेयरिंग और कंटेंट क्रिएशन ओर दूसरी कैटेगरी में उपलब्ध हैं. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में ऐप स्टोर पर वापसी करने वाले ऐप्स में फाइल शेयरिंग सर्विस Xender, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म MangoTV और Youkuशॉपिंग ऐप Taobao और डेटिंग ऐप Tantan शामिल हैं.

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Xender भी वापस लिस्टेड

रिपोर्ट के अनुसार, MangoTV में कोई बदलाव नहीं किया गया है. जबकि दूसरे ऐप में मामूली बदलाव किए गए हैं. उदाहरण के तौर पर Xender अब Apple के ऐप स्टोर पर Xender: File Share, Share Music के रूप में लिस्टेड है. जबकि गूगल प्ले स्टोर पर फिलहाल इसको लिस्ट नहीं किया गया है.

ऐप अलग-अलग रास्तों से करते हैं वापसी

इसी तरह Taobao अब Mobile Taobao के तौर पर लिस्टेड है. जबकि Tantan को TanTan – Asian Dating App के तौर पर रिब्रांड किया गया है. दिलचस्प बात है कि ज्यादातर ऐप को अभी भी चीनी डेवलपर्स ऑपरेट कर रहे हैं. जबकि दूसरे ऐप्स ने भारतीय बाजार में प्रवेश के लिए अलग-अलग रास्ते अपनाए हैं. उदाहरण के तौर पर लोकप्रिय फैशन रिटेलर Shein ने Reliance के साथ एक लाइसेंसिंग डील के माध्यम से वापसी की है.

हालांकि, यह कन्फर्म किया गया है कि Shein से संबंधित सभी यूजर डेटा अब भारत में स्टोर किया जाएगा. इससे चीनी पैरेंट कंपनी तक भारतीय यूजर्स का डेटा नहीं पहुंच पाएगा. प्रतिबंध लगने के बाद कई ऐप मामूली बदलाव के बाद वापसी कर चुके हैं. पबजी मोबाइल को भी साल 2020 में बैन कर दिया गया था. लेकिन, इसको BGMI के तौर पर खेलने के लिए उपलब्ध करवाया जा चुका है.

यह रिपोर्ट बताती है कि पूर्ण प्रतिबंध को लागू करना का डिजिटल वर्ल्ड में काफी कठिन होता है. सरकार ऐप को बैन कर सकती है लेकिन ऐप अल्टरनेटिव वर्जन के तौर पर नए नाम या ब्रांड के साथ उसी सर्विस को देने के लिए उपलब्ध हो जाते हैं. वापसी करने के बाद ऐप अपने स्वामित्व वाले देश को बदल देते हैं जिससे मूल का पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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