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Google ने अपने वेब ब्राउज़र Chrome में एक नया AI फीचर जोड़ा है जो स्कैम से बचाने में मदद करेगा। इस फीचर का नाम Gemini Nano है, जो एक ऑन-डिवाइस लैंग्वेज मॉडल है। यह यूज़र्स द्वारा खोली गई वेबसाइट्स को स्कैन करेगा और अगर उसमें फ्रॉड की संभावना होगी तो अलर्ट भेजेगा। यह नया AI फीचर Chrome वर्ज़न 137 में शामिल होगा, जो इस हफ्ते beta वर्ज़न में लॉन्च किया जा रहा है। गूगल का कहना है कि यह फीचर एक अतिरिक्त सुरक्षा लेयर की तरह काम करेगा और खतरनाक वेबसाइट्स की पहचान करके यूज़र को फुल स्क्रीन वॉर्निंग देगा।
Gemini Nano डिवाइस पर ही चलता है, जिससे यूज़र की प्राइवेसी सुरक्षित रहती है। साथ ही, यह तुरंत उस वक्त खतरे की पहचान कर सकता है जब यूज़र वेबसाइट खोलता है। चूंकि कई स्कैम वेबसाइट्स कुछ ही मिनटों के लिए एक्टिव होती हैं, इस वजह से ऑन-डिवाइस डिटेक्शन ज़्यादा प्रभावी होता है।
यह AI खासतौर पर टेक सपोर्ट स्कैम जैसी धोखाधड़ी वेबसाइट्स को पहचानने में माहिर है। यह साइट से सुरक्षा संकेत निकालता है और Google Safe Browsing सर्वर को भेजता है ताकि सही निर्णय लिया जा सके। यदि कोई साइट खतरनाक पाई जाती है, तो Chrome यूज़र को तुरंत चेतावनी देगा।
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यह AI फीचर केवल उन्हीं यूज़र्स के लिए उपलब्ध होगा जिन्होंने Chrome की Safe Browsing सेटिंग में Enhanced Protection को ऑन किया है। यह उच्च स्तर की सुरक्षा देता है और नए-नए स्कैम तरीकों को जल्दी पहचान सकता है।
गूगल Android यूज़र्स के लिए भी एक नया AI फीचर ला रहा है जो फर्जी और स्पैम नोटिफिकेशन की पहचान करेगा। यह नोटिफिकेशन के टेक्स्ट जैसे कि टाइटल और बटन के आधार पर खतरे का पता लगाएगा और यूज़र को अलर्ट भेजेगा। इसके साथ यूज़र एक क्लिक में ऐसे नोटिफिकेशन भेजने वाली वेबसाइट्स से अनसब्सक्राइब भी कर सकेगा।
Enhanced Safe Browsing को ऑन करने के लिए डेस्कटॉप पर Chrome खोलें → ऊपर दाईं ओर तीन डॉट्स पर क्लिक करें → Settings में जाएं → Privacy and Security चुनें → फिर Security पर किल्क करें → Safe Browsing में जाकर Enhanced Protection सेलेक्ट करें।
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