कैसे काम करती है eSIM? खरीदने से पहले जान लें नफ़ा-नुकसान.. फिजिकल सिम कार्ड से तुलना भी देखें

Updated on 01-Sep-2025

भारत के टेलीकॉम बाजार में eSIM तकनीक एक क्रांति की तरह बढ़ती जा रही है। पारंपरिक फिजिकल सिम कार्ड से eSIM की तरफ जाना मात्र एक तकनीकी बदलाव ही नहीं बल्कि यह बाजार के लिए एक नई ही दुनिया के रास्ते खोल रही है। यहाँ हम आपको eSIM के ग्राहकों पर पड़ने वाले असर, eSIM के सबसे बड़े फायदे नुकसान और अन्य कुछ बातों के बारे में जानकारी देने वाले हैं। आइये हर एक चीज़ को डिटेल में जानते हैं।

क्या है eSIM यह कैसे फिजिकल सिम से अलग है?

eSIM (Embedded SIM) एक डिजिटली इनबिल्ट सिम होती है, जिसे किसी भी डिवाइस में जो इसके सपोर्ट के साथ आता है में एक सॉफ़्टवेयर के ज़रिए एक्टिवेट की जाती है। eSIM के होने के बाद आपको किसी भी फिजिकल सिम कार्ड की जरूरत नहीं होती है। फोन को लेकर इसे देखते हैं तो अगर आपके फोन में ड्यूल सिम कनेक्टिविटी नहीं है तो आप एक eSIM के साथ एक फिजिकल सिम कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालाँकि एक समय पर आप एक ही सिम को इस्तेमाल कर पाने वाले हैं।

बाजार में हासिल कर रही नया मुकाम!

जानकारी के लिए बता देते है कि जब से भारत में 5G रोलआउट शुरू हुआ है, तब से और खासतौर पर डिजिटल इंडिया की शुरुआत के अलावा Make in India जैसी पहलों के कारण हम देख रहे हैं कि eSIM के चलन में भी तेजी आ रही है। ऐसा भी देखने में आ रहा है कि टेलीकॉम कंपनियों (Airtel, Jio, Vi) ने अब स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच से लेकर लैपटॉप के अलावा कई अन्य डिवाइसों में eSIM सपोर्ट देना शुरू कर दिया है।

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यूजर्स के लिए eSIM के इस्तेमाल के बाद क्या चेंज हो रहा है?

फ्लेक्सिबिलिटी: सबसे बड़े पैमाने पर ऐसा देखा जा रहा है कि इससे यूजर्स को बड़े पैमाने पर फ्लेक्सिबिलिटी मिल रही है। इसका मतलब है कि आपको बिना किसी फिजिकल सिम डैमेज के बड़ी आसानी से कई प्रोफाइल, आसानी से नेटवर्क चेंज करने जैसी सुविधा मिल रही है.

सिक्यूरिटी के लिए बेस्ट: आपको यह भी बता देते है कि eSIM को चोरी करना या किसी अन्य सिम के साथ बदल देना नामुमकिन है।

मल्टी-डिवाइस पर हो सकती है इस्तेमाल: स्मार्टवॉच, टैबलेट, कार, हॉस्पिटल डिवाइस में eSIM इस समय बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जा रही है।

eSIM के इस्तेमाल में कुछ चुनौतियाँ भी हैं!

भारत के बाजार की बात करें तो इस समय मात्र 10-15% स्मार्टफोन्स में eSIM सपोर्ट मिलता है। इसी कारण इसे सभी इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं, ऐसा भी कह सकते है कि किफायती फोन्स के चलते कंपनी eSIM सपोर्ट नहीं दे रही हैं। अभी के लिए eSIM केवल प्रीमियम डिवाइसों तक ही लिमिटेड हैं। हर सेगमेंट में आने वाले फोन्स इस समय इसके सपोर्ट के साथ नहीं आते हैं।

eSIM स्विचिंग में होती है बड़ी दिक्कत। असल में ऐसा देखने में आ रहा है कि अभी सभी फोन्स में या किसी भी अन्य डिवाइस में eSIM सपोर्ट का न मिलना सभी भी है। ऐसा देखने में आया है कि अगर आ डिवाइस चेंज करते हैं तो eSIM को नए डिवाइस में ले जाना मुश्किल हो सकता है। हालाँकि यह भी यह है कि कम्पनियाँ इस समस्या को हल करने पर काम जरुर कर रही होंगी।

सुरक्षा और तकनीकी लाभ

  • eSIM प्रोफाइल में आपके डेटा को सुरक्षा मिलती है, क्लोनिंग व फ्रॉड का खतरा कम हो जाता है।
  • रिमोट कन्फ़िगरेशन, सॉफ्टवेयर अपडेट, मल्टी लेयर सिक्योरिटी के कई ऑप्शन भी आसानी से मिल जाते हैं।
  • 5G और नेटवर्क स्लाइसिंग के साथ, eSIM ज्यादा फ़ास्ट नेटवर्क और अपटाइम प्रदान करती है।

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Ashwani Kumar

Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life.

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