AI की मदद से प्रोफेसर कर रहा था ये काम, छात्रा ने रंगे-हाथ पकड़ा, रख दी ये डिमांड, जान हो जाएंगे हैरान!

Updated on 17-May-2025

AI जब नया-नया आया था तो तब लोगों को पता नहीं था इसका उपयोग कहां-कहां किया जा सकता है. अब इसके इस्तेमाल लगातार बढ़ता ही जा रही है. कई क्षेत्रों में इसका उपयोग होने लगा है. अब कई ऐसे केस भी आ रहे हैं जो लोगों को चिंतित कर रहे हैं. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है.

ChatGPT जब नवंबर 2022 में लॉन्च हुआ तो दुनिया भर के स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों को AI-सहायता प्राप्त नकल की चिंता सताने लगी. शिक्षकों ने छात्रों को AI टूल्स इस्तेमाल करने से रोकना शुरू किया. होमवर्क के लिए ChatGPT नहीं इस्तेमाल करने की बात कही गई. यानी AI-जनरेटेड निबंध और बाकी चीजों पर रोक लगा दी गई. छात्रों को साफ कहा गया कि वे ओरिजिनल काम जमा करें, वरना नतीजे अच्छे नहीं होंगे.

प्रोफेसर ने ChatGPT से तैयार किए नोट्स?

लेकिन क्या होगा अगर शिक्षक ही ChatGPT का इस्तेमाल करें? एक हैरान करने वाली घटना में अमेरिका की Northeastern University की एक छात्रा ने अपने प्रोफेसर को ChatGPT से नोट्स तैयार करते पकड़ लिया. अब वह अपनी ट्यूशन फीस वापस मांग रही है. जी हां, आपने सही पढ़ा. जहां छात्रों को AI यूज करने की सजा मिल रही है, वहीं अब छात्र शिक्षकों पर भी वही No-AI नियम लागू कर रहे हैं.

The New York Times के मुताबिक, यह मामला Northeastern की बिजनेस स्टूडेंट Ella Stapleton ने उजागर किया. जिसने अपने प्रोफेसर को AI टूल्स से नोट्स तैयार करते पकड़ा. इस साल फरवरी में, जब Ella अपनी ऑर्गेनाइजेशनल बिहेवियर क्लास के लेक्चर नोट्स देख रही थीं तो उन्हें कुछ अजीब लगा.

लीडरशिप मॉडल्स और सामान्य अकादमिक भाषा के बीच उन्हें ChatGPT के लिए एक प्रॉम्प्ट मिला. इसमें लिखा था, “expand on all areas. Be more detailed and specific.” “मैंने सोचा, रुकिए… क्या मेरे प्रोफेसर ने ChatGPT का जवाब कॉपी-पेस्ट किया?” Ella ने NYT को बताया.

AI की भाषा से पकड़ में आया मामला: छात्रा

लेकिन यह AI प्रॉम्प्ट तो बस शुरुआत थी. नोट्स की भाषा में कुछ गड़बड़ लगने पर Ella ने जासूस की तरह काम शुरू किया. उन्होंने स्लाइड डेक्स और असाइनमेंट्स खंगाले और AI के और सबूत मिले. उन्हें AI-जनरेटेड इमेज मिलीं, जिनमें अतिरिक्त उंगलियां, विकृत फॉन्ट्स और स्पेलिंग-ग्रामर मिस्टेक्स थीं.

Northeastern जैसे कॉलेज की फीस और प्रतिष्ठा को देखते हुए, Ella को प्रोफेसर का यह व्यवहार बिल्कुल पसंद नहीं आया. चूंकि छात्रों को AI यूज करने से मना किया गया था, उन्होंने बिजनेस स्कूल में औपचारिक शिकायत दर्ज की और उस कोर्स की $8,000 (लगभग ₹6.8 लाख) की ट्यूशन फीस वापस मांगी. “वह हमें कहते हैं कि इसका इस्तेमाल न करें, और फिर खुद इसका इस्तेमाल करते हैं,” Ella ने NYT को कहा.

लेकिन Ella अकेली नहीं हैं जो अपने शिक्षकों पर सवाल उठा रही हैं और मानवीय शिक्षा की मांग कर रही हैं. Rate My Professors जैसे साइट्स पर कई छात्र प्रोफेसरों की आलोचना कर रहे हैं, जो AI-जनरेटेड स्लाइड्स, रोबोटिक फीडबैक और ChatGPT जैसे लेक्चर्स दे रहे हैं.

जहां प्रोफेसर छात्रों को AI इस्तेमाल करने से रोक रहे हैं ताकि वे असली स्किल्स सीखें और नकल से बचें, वहीं वे खुद AI के पक्ष में तर्क दे रहे हैं. उनका कहना है कि AI टूल्स वर्कलोड मैनेज करने और कंटेंट को आसान बनाने में मदद करते हैं. इसने शिक्षा में पारदर्शिता पर व्यापक बहस छेड़ दी है. छात्र मांग कर रहे हैं कि शिक्षकों को भी ChatGPT या अन्य AI टूल्स से नोट्स तैयार करने पर खुलासा करना चाहिए.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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