Starlink की डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट सर्विस की टेस्टिंग 27 जनवरी से शुरू होने वाली है. इसको जानकारी खुद Elon Musk ने दी है. SpaceX के CEO Elon Musk ने X (पहले Twitter) पर यह घोषणा कि कंपनी 27 जनवरी को बीटा टेस्टिंग फेज की शुरुआत करेगी. इससे बिना पारंपरिक नेटवर्क पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी.
ग्लोबल मोबाइल कनेक्टिविटी की दिशा में इसको एक बड़ा कदम माना जा रहा है. Elon Musk ने IBC ग्रुप के फाउंडर मारियो नवफल के एक पोस्ट पर रिप्लाई देते हुए इस खबर को कन्फर्म किया है. उन्होंने X पर लिखा, “सैटेलाइट से सीधे सेल फोन इंटरनेट कनेक्शन के लिए Starlink बीटा टेस्ट 3 दिनों में शुरू हो रहा है.
लेकिन आपको जानना जरूरी है कि Direct-to-Cell Satellite Serice आखिर है क्या? आपको बता दें कि यह मोबाइल फोन को ट्रेडिशनल सेलुलर इंफ्रास्ट्रक्चर को बायपास करते हुए सीधे सैटेलाइट्स से कनेक्ट होने की परमिशन देगा. यानी यह कम्युनिकेशन में क्रांति ला सकता है. इसकी वजह से लोग रेगुलर टावर का एक्सेस किए बिना ही दूर-दराज के क्षेत्रों में किसी भी लोकेशन से कॉल या टेक्स्ट मैसेज भेज सकेंगे.
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इसके अलावा वे Direct-to-Cell Satellite Serice का इस्तेमाल कर इंटरनेट को भी एक्सेस कर पाएंगे. यानी मोबाइल टावर की जरूरत खत्म हो जाएगी. नवफल ने इसको स्पेस में सेल टावर कहा है. उन्होंने कहा इसमें डेड जोन तो खत्म करने और मोबाइल कम्युनिकेशन को बेहतर बनाने की क्षमता है.
अच्छी और खास बात यह है कि यूजर्स को इस सर्विस के लिए नए फोन या एडिशनल हार्डवेयर की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह सर्विस अभी मौजूद मोबाइल के साथ काम करता है. यानी लोगों को अलग से कोई नया फोन लेने की जरूरत नहीं है. यह सर्विस उनलोगों के लिए काफी बढ़िया होने वाली है जो खराब या बिना सेलुलर कवरेज वाले क्षेत्रों में रहते हैं या ट्रैवल करते हैं.
इमरजेंसी के समय भी यह सर्विस काम आ सकती है. हालांकि, भारत में फिलहाल Starlink के लॉन्च का इंतजार है. सरकार की ओर इसको फिलहाल हरी झंडी नहीं दिखाई गई है. सभी प्रक्रिया पूरी कर लेने के बाद ही Starlink की सर्विस का फायदा भारत में भी लोग ले पाएंगे.
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