हाल के दिनों में भारत में साइबर फ्रॉड के मामलों में भारी बढ़ोतरी देखी गई है. Department of Telecommunications (DoT) ने टेलिकॉम संसाधनों के दुरुपयोग पर चिंता जाहिर की है और इसे रोकने के लिए कई पहल शुरू की हैं. साइबर क्राइम और फाइनेंशियल फ्रॉड को काबू करने के लिए DoT सख्त कदम उठा रहा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कैमर्स सिम कार्ड्स और SMS हेडर्स जैसे टेलिकॉम आइडेंटिफायर्स को हथियार बनाकर लोगों को ठग रहे हैं. ये अपराधी धोखाधड़ी और पहचान की चोरी जैसे तरीकों से बड़े पैमाने पर फर्जी मैसेज भेजते हैं. अगर आप सिम कार्ड्स को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि DoT ने इसके खिलाफ सख्त चेतावनी दी है. आइए जानते हैं कि ये फ्रॉड कैसे हो रहे हैं और इसके लिए क्या नियम बनाए गए हैं.
कई लोग अपने नाम पर सिम कार्ड लेते हैं और फिर उसे किसी और को इस्तेमाल के लिए दे देते हैं. ऐसा करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि अगर वो सिम साइबर फ्रॉड में यूज हुई, तो असली सिम होल्डर भी कानूनी पचड़े में फंस सकता है. इसके अलावा, कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों, धोखे या किसी की पहचान चुराकर सिम कार्ड हासिल करते हैं. ये सारी हरकतें Telecommunication Act 2023 के खिलाफ हैं.
यह भी पढ़ें: सेट-अप बॉक्स को लेकर बदल रहा नियम! TRAI का ये फैसला जान उछल पड़ेंगे आप, करोड़ों लोगों को फायदा
DoT ने ये भी खुलासा किया है कि कुछ Point of Sale (PoS) लोकेशंस इन फर्जी सिम कार्ड्स को बेचने में शामिल हैं, जिससे वो भी अपराध के भागीदार बन रहे हैं. स्कैमर्स सिर्फ सिम तक नहीं रुकते—वो IP एड्रेस, IMEI नंबर्स (जो मोबाइल हैंडसेट की पहचान करते हैं), और SMS हेडर्स को भी बदलकर फर्जी मैसेज भेजते हैं. ये सब आम लोगों को ठगने का जरिया बन गया है.
Department of Telecommunications ने साफ कहा है कि ये गतिविधियां Telecommunication Act 2023 का गंभीर उल्लंघन हैं. इस कानून की धारा 42 (3) (c) टेलिकॉम आइडेंटिफायर्स के साथ छेड़छाड़ को मना करती है. धारा 42 (3) (e) कहती है कि कोई भी धोखे से सिम कार्ड या टेलिकॉम आइडेंटिफायर्स नहीं ले सकता.
इसके अलावा, धारा 42 (7) के तहत ये अपराध Code of Criminal Procedure 1973 के हिसाब से संज्ञेय और गैर-जमानती हैं. यानी पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है और जमानत आसानी से नहीं मिलेगी.
सजा की बात करें तो धारा 42 (3) के तहत अपराध करने वाले को 3 साल तक की जेल, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं. अगर कोई इन अपराधों में मदद करता है, तो धारा 42 (6) के तहत उसे भी यही सजा मिलेगी.
मान लीजिए आपने अपने नाम पर सिम लिया और उसे किसी दोस्त या रिश्तेदार को दे दिया. अगर वो इसका गलत इस्तेमाल करता है, जैसे फर्जी मैसेज भेजकर लोगों को ठगता है, तो कानून की नजर में आप भी जिम्मेदार होंगे. इसके अलावा कोई आपके नाम पर फर्जी सिम बनवाकर अपराध करता है, तो आपको तुरंत रिपोर्ट करनी होगी.
DoT का कहना है कि वो टेलिकॉम संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एडवांस्ड सॉल्यूशंस और सख्त रणनीतियां अपना रहा है. Telecommunication Act 2023 के ये कड़े नियम स्कैमर्स को डराने और हर नागरिक के लिए सुरक्षित टेलिकॉम माहौल बनाने के लिए हैं.