SIM के जरिए लोगों की पहचान हो रही थी चोरी, पकड़ाया UP का गिरोह, जानें कैसे रखें अपने आपको सेफ

Updated on 11-Jul-2025

उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारतीय नागरिकों की पहचान चुराने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है. चोरी की गई पहचान का इस्तेमाल थाईलैंड, वियतनाम, लाओस और कंबोडिया जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से साइबर फ्रॉड करने में किया जा रहा था. आइए आपको इन फ्रॉड की पूरी कहानी बताते हैं.

सहारनपुर पुलिस के अनुसार, एक गिरोह झूठे तरीके से सिम कार्ड जारी करवाता था और एक बार के पासवर्ड (OTP) विदेशी अपराधियों को उपलब्ध कराता था. जिससे वे ऑनलाइन धोखाधड़ी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए मानव तस्करी जैसे अपराध कर रहे थे. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने एक ऐसे गैंग की पहचान की जो आधार और पैन डिटेल्स को धोखाधड़ी से प्राप्त कर सिम कार्ड इश्यू करवाता था.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) आशीष तिवारी ने बताया कि ये सिम कार्ड एक्टिवेट कर साउथईस्ट एशिया में बैठे साइबर क्रिमिनल्स को OTP भेजने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे, जो बाद में भारतीय WhatsApp अकाउंट्स को एक्सेस कर अवैध काम करते थे.

पहचान कैसे चुराई जाती थी?

एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी विपिन ने लोगों की आधार डिटेल्स के बिना उनकी जानकारी के कई सिम कार्ड इश्यू करवाए. इन सिम कार्ड्स को वह अपने साथियों को देता था जो विदेशी क्लाइंट्स को OTP पहुंचाते थे.

एक अन्य आरोपी सचिन कुमार, टेलीकॉम कंपनियों के लिए पॉइंट ऑफ सेल (PoS) एजेंट के रूप में काम करता था. वह ग्राहकों का डाटा इकट्ठा कर उनके नाम पर सिम एक्टिवेट कर लेता था. वह अक्सर ग्राहकों से कहता था कि तकनीकी दिक्कत की वजह से सिम जारी नहीं हो सकता, जबकि असल में उसने उनकी जानकारी से पहले ही सिम एक्टिवेट कर दिए होते थे.

पुलिस के अनुसार, सचिन ने 1,000 से ज्यादा सिम एक्टिवेट किए और इन्हें अपने साथियों को बांट दिया. उत्तराखंड की दो महिलाओं, हुमा और अंतरफा को भी इस मामले में शामिल बताया गया है. उन्होंने सचिन से करीब 1,700 सिम कार्ड प्राप्त किए थे.

ये महिलाएं हर OTP के बदले 80 से 100 रुपये लेती थीं और विदेशी व्हाट्सऐप ग्रुप्स में शामिल थीं, जहां ऑनलाइन जॉब्स के नाम पर फ्रॉड सिखाया जाता था. इन्हें मोहतसिन नाम के एक आरोपी ने ट्रेनिंग दी थी जो पहले से ही फर्जीवाड़े के मामले में जेल में है.

कैसे पता करें आपके नाम पर कितने सिम कार्ड हैं-

  • Sanchar Saathi पोर्टल पर जाएं.
  • Citizen Centric Services सेक्शन में जाएं.
  • “Know Mobile Connections in Your Name” विकल्प चुनें.
  • मोबाइल नंबर और OTP डालकर अपने नाम पर रजिस्टर्ड सभी सिम की जानकारी देखें.
  • यदि कोई अनजान नंबर मिले तो उसे ब्लॉक करने का अनुरोध कर सकते हैं.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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