SBI Alert! इन बातों पर ध्यान नहीं दिया तो चुटकियों में खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट

Updated on 25-Feb-2022
HIGHLIGHTS

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए फ़िशिंग फ्रॉड अलर्ट जारी किया है

फिशिंग के जरिए हैकर्स एसबीआई ग्राहकों के ईमेल और टेक्स्ट मैसेज को हैक करने में कामयाब हो रहे हैं

इस तरह की समस्या होने पर report.phishing@sbi.co.in ईमेल (E-mail) आईडी (ID) पर इसकी रिपोर्ट करें

भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक (Bank) स्टेट बैंक (Bank) ऑफ इंडिया (एसबीआई/SBI) ने अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए फिशिंग (Phishing) फ्रॉड अलर्ट जारी किया है। इंटरनेट पर साइबर (Cyber) अपराधियों (Criminals) की घटनाएँ बढ़ती ही जा रही हैं। एसबीआई ने ग्राहकों को इस तरह की घटनाओं को लेकर कुछ गाइडलाइन (SBI Guidelines) जारी की हैं। फिशिंग (Phishing) के जरिए हैकर्स SBI ग्राहकों के ईमेल (E-mail) और टेक्स्ट मैसेज (Message) को हैक करने में कामयाब हो रहे हैं। नतीजतन, ग्राहकों द्वारा अपने अकाउंट (Account) में सेव किया जा रहा पैसा चुटकियों में ही इन साइबर (Cyber) अपराधियों (Criminals) की झोली में चला जा रहा है। आपको जानकारी के लिए बात देते है कि आजकल साइबर (Cyber) अपराधी आम जनता को चुना लगाने के लिए फर्जी व्हाट्सएप (WhatsApp) एप का इस्तेमाल कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: घर बैठे हो रहे हैं बोर तो ज़रूर देखें हमेशा पसंद की जाने वाली ये वेब सीरीज़

SBI ने जानकारी दी है कि किसी भी संदिग्ध मैसेज (Message) या WhatsApp मैसेज (Message) या ईमेल (E-mail) के लिंक (Link) पर क्लिक न करें। यदि किसी भी स्थिति में या किसी भी तरह से आपका अकाउंट (Account) साइबर (Cyber) अपराध (Crime) का शिकार है, या संदिग्ध लिंक (Link) आता है, तो इस तरह के मामले में तुरंत ही report.phishing@sbi.co.in ईमेल (E-mail) आईडी (ID) पर इसकी रिपोर्ट करें।

साइबर (Cyber) अपराधियों (Criminals) के फ़िशिंग हमले का तरीका क्या है?

  • अपराधी ग्राहकों के व्यक्तिगत डेटा (Data) और बैंक (Bank) डिटेल्स (Details) को प्राप्त करने के लिए सोशल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विधियों का उपयोग करके फ़िशिंग हमले करते हैं।
  • हैकर्स ग्राहकों को नकली ई-मेल भेजते हैं, जहां एक हाइपरलिंक (Link) अटैच करके आपको एक ईमेल (E-mail) भेजते हैं और आपको इस लिंक (Link) पर क्लिक करने को कहते हैं।
  • अगर आप इस लिंक (Link) पर क्लिक करते हैं तो आपके डिवाइस की स्क्रीन पर एक नकली वेबसाइट खुल जाती है।
  • यह वेबसाइट ग्राहकों से अपने पर्सनल डिटेल्स (Details), जैसे आईडी (ID), पासवर्ड (Password), क्रेडिट (Credit) कार्ड (Card) और बैंक (Bank) खाता संख्या को अपडेट करने के लिए कहती है।
  • यदि कोई ग्राहक इन सभी डिटेल्स (Details) को दर्ज कर देता है तो साइट केवल सबमिट पर क्लिक करके एक त्रुटि दिखाती है।
  • इस प्रक्रिया में अपराधी फिशिंग (Phishing) अटैक (Attack) को अंजाम देते हैं। ग्राहक बिना कुछ समझे अपराधियों (Criminals) को सारी जानकारी दे देते हैं। ऐसे में उनकी मेहनत की कमाई कुछ ही मिनटों में चली जाती है, और बैंक (Bank) अकाउंट (Account) खाली हो जाता है।

यह भी पढ़ें: आधुनिक डिज़ाइन के साथ सर्वश्रेष्ठ ध्वनि गुणवत्ता वाले TWS ईयरबड

फिशिंग (Phishing) अटैक (Attack) से बचने के उपाय

  • यदि आप फ़िशिंग से बचना चाहते हैं, तो अज्ञात, संदिग्ध ईमेल (E-mail) कभी भी ओपन न करें।
  • ईमेल (E-mail) या मैसेज (Message) आदि में अज्ञात लिंक (Link) पर क्लिक न करें।
  • अगर गलती से वेबसाइट खुल गई है तो वहां अपनी जानकारी सबमिट न करें।
  • अगर मैसेज (Message), व्हाट्सएप (WhatsApp) या ईमेल (E-mail) में पासवर्ड (Password) की मांग की जाती तो कभी न दें ।
  • किसी भी वेबसाइट में लॉग इन करने के लिए एड्रेस बार में URL/यूआरएल टाइप करें।
  • अपनी यूजर आईडी (ID) न भूलें। और जब आप लॉग इन करेंगे तो आप देखेंगे कि साइट/ऐप अधिकृत है या नहीं।
  • हमेशा लॉगिन पेज URL/यूआरएल की जांच करें। अगर यूआरएल http:// से शुरू होता है तो साइट सुरक्षित है।
  • मोबाइल हो या कंप्यूटर (Computer), प्रोटेक्शन या एंटीवायरस (Antivirus) को हमेशा अपडेट रखें।
  • अपने बैंक (Bank) स्टेटमेंट (Statement), क्रेडिट (Credit) और डेबिट (Debit) कार्ड (Card) स्टेटमेंट (Statement) की रोजाना जांच करें।
  • अपना आईडी (ID) पासवर्ड (Password) मजबूत रखें।
  • समय समय पर अधिकृत साइट से अपना पासवर्ड (Password) बदलें।

यह भी पढ़ें: POCO M4 Pro 5G की इस फोन से चल रही है कड़ी भिड़ंत, देखें कौन है बेहतर

अगर आप सावधान रहेंगे तो आपका अकाउंट (Account) भी सुरक्षित रहेगा। इसलिए हमेशा सतर्क रहें और फेक (Fake) लिंक (Link) या मैसेज (Message) आदि पर क्लिक करने से बचें।

Disclaimer: Digit, like all other media houses, gives you links to online stores which contain embedded affiliate information, which allows us to get a tiny percentage of your purchase back from the online store. We urge all our readers to use our Buy button links to make their purchases as a way of supporting our work. If you are a user who already does this, thank you for supporting and keeping unbiased technology journalism alive in India.
Digit Hindi

Ashwani And Aafreen is working for Digit Hindi, Both of us are better than one of us. Read the detailed BIO to know more about Digit Hindi

Connect On :