भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इसके बीच WhatsApp, Instagram और Facebook पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. यह मैसेज लोगों से अपने स्मार्टफोन की लोकेशन सर्विस तुरंत बंद करने के लिए कहता है. लेकिन, इस मैसेज की सच्चाई खुद सरकार ने बता दी है.
वायरल मैसेज की सच्चाई से पहले आपको बता दें कि मैसेज में लोकेशन सर्विस को लेकर दावा करते हुए कहा गया है कि इसका इस्तेमाल घनी आबादी वाले इलाकों का पता लगाने के लिए ड्रोन्स द्वारा किया जा सकता है. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल PIB फैक्ट चेक ने इस मैसेज को फर्जी बताते हुए एक पोस्ट शेयर की.
“एक वायरल इमेज दावा कर रही है कि लोगों को अपने फोन की लोकेशन सर्विस तुरंत बंद करने की एडवाइजरी जारी की गई है. यह दावा फर्जी है. भारत सरकार ने ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की.”
PIB फैक्ट चेक ने वायरल मैसेज का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें लिखा है:
“हाय दोस्तों,
हमें फैकल्टी से एक ऑफिशियल ईमेल मिला है, जिसमें महत्वपूर्ण एडवाइजरी दी गई है. कृपया अपने फोन की लोकेशन सर्विस तुरंत बंद करें. हमें पता चला है कि ड्रोन्स का इस्तेमाल घनी आबादी वाले इलाकों का पता लगाने के लिए किया जा रहा है.”
PIB ने स्पष्ट किया कि यह मैसेज पूरी तरह फर्जी है और भारत सरकार या किसी आधिकारिक संस्था ने ऐसी कोई सलाह नहीं दी. इस तरह की अफवाहें पैनिक फैला सकती हैं और लोगों में भ्रम पैदा कर सकती हैं, खासकर जब भारत-पाकिस्तान तनाव पहले से ही चरम पर है.
इस हफ्ते की शुरुआत में PIB फैक्ट चेक ने पाकिस्तान-प्रायोजित प्रचार के खिलाफ चेतावनी जारी की थी. पोस्ट में कहा गया था कि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें और प्रचार सामग्री की बाढ़ आ सकती है. लोगों से हर जानकारी को सावधानी से सत्यापित करने की अपील की गई.
पोस्ट में लिखा था कि “आने वाले दिनों में आपका सोशल मीडिया #पाकिस्तान-प्रायोजित प्रचार से भर जाएगा. हर जानकारी को सावधानी से जांचना बहुत जरूरी है. अगर आपको भारतीय सशस्त्र बलों या मौजूदा स्थिति से जुड़ा कोई संदिग्ध कंटेंट दिखे, तो इसे #PIBFactCheck को तुरंत रिपोर्ट करें. इसको आप वॉट्सऐप: +91 8799711259 या factcheck@pib.gov.in पर ईमेल कर सकते हैं.”
PIB ने 8 मई की रात 10 बजे से 9 मई की सुबह 6:30 बजे तक कम से कम आठ वायरल वीडियो और पोस्ट्स की जांच की, जिनमें जालंधर में ड्रोन हमला, 2020 बेरूत धमाका, और राजौरी में फिदायीन हमला जैसे फर्जी दावे शामिल थे. ये सभी पाकिस्तान-आधारित हैंडल्स द्वारा फैलाए गए थे.
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