दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई बड़े शहरों में हवा अब जहर बन चुकी है। जैसे ही ठंड का मौसम शुरू होता है, धुआं, धूल और स्मॉग मिलकर ऐसा घना पर्दा बना देते हैं कि साँस लेना भी मुश्किल हो जाता है। इसके ऊपर से दिवाली के पटाखों के बाद हुआ पॉल्यूशन इस समय जानलेवा हो चुका है। इस समय एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार ख़तरनाक स्तर को पार कर रहा है, जो बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या सांस से जुड़ी परेशानी वाले लोगों के लिए बेहद खतरनाक है।
ऐसे हालात में एयर प्यूरीफायर अब सिर्फ लग्जरी नहीं, बल्कि ज़रूरत बन चुका है। लेकिन बहुत से लोग इसे सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते, जिससे इसकी पूरी और सही मदद नहीं मिल पाती है। अगर आप चाहते हैं कि आपका प्यूरीफायर घर की हवा को सच में साफ रखे, तो इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें।
अक्सर लोग इसे दीवार या कोने में रख देते हैं, जिससे हवा का फ्लो रुक जाता है। कोशिश करें कि प्यूरीफायर के चारों ओर कम से कम एक फुट की खाली जगह हो ताकि हवा आसानी से घूम सके।
कई लोग दिन में थोड़ी देर चलाकर प्यूरीफायर बंद कर देते हैं, लेकिन प्रदूषण हर समय बना रहता है। इसलिए इसे ऑटो मोड में रखें ताकि जैसे ही हवा में प्रदूषण बढ़े, मशीन खुद काम करना शुरू कर दे।
अगर फिल्टर में धूल जम जाती है तो प्यूरीफायर बेअसर हो जाता है। महीने में एक बार फिल्टर को साफ करें और कंपनी द्वारा बताई गई अवधि पर नया फिल्टर लगाना न भूलें।
प्यूरीफायर को किचन, बाथरूम या खिड़की के पास रखने से बचें। नमी और धुआं फिल्टर की उम्र घटा सकते हैं और उसकी कार्यक्षमता को भी कम कर देते हैं।
खुले दरवाजों से बाहर की गंदी हवा अंदर आती रहती है, जिससे मशीन बार-बार हवा को साफ करने में उलझी रहती है। अगर आप बेहतर नतीजे चाहते हैं, तो प्यूरीफायर चालू होने के दौरान कमरे को सील रखें।
आज जब दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों में प्रदूषण से आंखों में जलन, गले में खराश और साँस की परेशानी आम हो चुकी है, तो यह छोटे-छोटे कदम आपकी सेहत के लिए बड़ा फर्क ला सकते हैं। घर की हवा को ताज़ा बनाए रखना सिर्फ मशीन पर नहीं, बल्कि आपकी सावधानी पर भी निर्भर करता है। तो इस सर्दी, दीये जलाने के साथ-साथ अपने घर की हवा को भी साफ रखें, क्योंकि साफ हवा ही असली लक्ज़री है।
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