SIM Card Fraud: साइबर क्राइम देश में काफी तेजी से बढ़ रहा है. सरकार इस पर लगातार एक्शन भी लेती रहती है. डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने पिछले 90 दिनों में 71 हजार से ज्यादा SIM कार्ड्स ब्लॉक कर दिए हैं. यह कार्रवाई आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में की गई है. आपको बता दें कि ये SIM फर्जी तरीकों से लिए गए थे. इन सिम का इस्तेमाल ज्यादातर स्कैम्स के लिए इस्तेमाल हो रहे थे.
DoT के मुताबिक, इन 71,000 SIM कार्ड्स को फर्जी पहचान के जरिए रजिस्टर किया गया था. क्रिमिनल्स ने Point of Sale (PoS) एजेंट्स का गलत इस्तेमाल करके ये SIM हासिल किए. फिर इन्हें इस्तेमाल करके लोगों से करोड़ों रुपये ठग लिए. ये स्कैम तेजी से फैल रहे थे, लेकिन अब इन पर लगाम लगाई जा रही है.
अधिकारी कहते हैं कि साइबर ठगी को रोकने के लिए जनता का साथ चाहिए. अगर आपको कोई संदिग्ध कॉल या मैसेज मिले तो उसे Sanchar Saathi पोर्टल (sancharsaathi.gov.in) पर रिपोर्ट करें या 1930 पर कॉल करें.
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DoT ने SIM फ्रॉड को ट्रैक करने के लिए ASTR सिस्टम लॉन्च किया है. जो AI और फेशियल रिकग्निशन से लैस है. ये टूल SIM होल्डर्स का डिटेल्ड रिकॉर्ड रखता है और एक शख्स के नाम पर कई SIM—चाहे अलग-अलग पते या नामों से लिए गए हों—पकड़ लेता है. इसकी वजह से हजारों फर्जी SIM डिस्कनेक्ट हो चुके हैं.
अधिकारियों का कहना है कि Telecom Service Providers (TSPs) को SIM जारी करने से पहले सही वेरिफिकेशन करना जरूरी है. अगर वो ऐसा नहीं करते तो DoT उनके खिलाफ एक्शन ले सकता है क्योंकि लाइसेंस की शर्तों में ये साफ लिखा है. साथ ही, SIM ट्रांसफर करना गैरकानूनी है—जिसके नाम SIM है, वही इसके इस्तेमाल का जिम्मेदार है. फर्जी SIM लेना गैर-जमानती अपराध है, तो सावधान रहें.
ऐसे में अगर आप भी अपने सिम का गलत इस्तेमाल करते हैं तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है. इसका गलत इस्तेमाल आपको जेल के पीछे पहुंचा सकता है. इस वजह से आपके नाम पर जारी सिम और उसके इस्तेमाल के बारे में जरूर पता होना चाहिए.
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