ऐसा लगता है कि स्कैमर्स ने मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल को बाईपास करने का तरीका ढूंढ लिया है, जिससे वे Google के सर्वर को धोखा देकर Gmail यूजर्स को असली लगने वाले सिक्योरिटी अलर्ट मेल भेजने में सफल हो रहे हैं। इस स्कैम का सबसे डरावना पहलू यह है कि ये मेल इतने सच्चे दिखते हैं कि पहली नज़र में ये पूरी तरह से ऑफिशल लगते हैं, जिसमें डोमेन नेम भी असली जैसा दिखता है। इसके कारण कई यूजर्स इन मेल्स के ऊपर सवाल नहीं उठाते, जिससे वो अनजाने में अपने अकाउंट्स को खतरे में डाल देते हैं।
ये साइबर अपराधी यूजर्स को धोखा देने के लिए मनोवैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वो डर पैदा करते हैं, जिससे यूजर्स मेल की सच्चाई की जांच नहीं करते। उदाहरण के लिए, ये फर्जी मेल्स अक्सर यह दावा करते हैं कि सरकार ने Google LLC को एक कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें यूजर्स के Google अकाउंट में स्टोर किया गया सारा कंटेंट जैसे कि ईमेल्स, फ़ोटो, और मैप डेटा सौंपने को कहा गया है।
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महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मेल में यह नहीं कहा जाता कि सरकार सीधे प्राप्तकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है। इसके बजाय, यह झूठा दावा किया जाता है कि नोटिस Google को भेजा गया है। इस धोखाधड़ी वाली तकनीक का उद्देश्य की सतर्कता कम करना है, जिससे उन्हें यह लगे कि समस्या Google के साथ है, न कि उनके साथ।
इन फर्जी मेल्स की सावधानी से जांच करने पर कई गलत डिटेल पाए जाते हैं, जैसे एक गलत Google अकाउंट ID और एकदम झूठे सपोर्ट रेफरेंस नंबर। मेल में कई ऐसे ऑफिशियल लेकिन काल्पनिक तत्व होते हैं, जिनका उद्देश्य इसकी विश्वसनीयता बढ़ाना होता है।
Google ने खुद बताया है कि यह स्कैम अभी चल रहा है और यूजर्स को तसल्ली भी दी है कि ऐसे धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए नए सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है। कंपनी ने यूजर्स की मजबूत सुरक्षा के लिए (टू-फैक्टर-ऑथेंटिकेशन) और (passkeys) का इस्तेमाल करने की सिफारिश की है।
इस तरह के फिशिंग प्रयासों से बचने के लिए ये सावधानियाँ बरतें:
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