फेडरेल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी FBI ने भी यूजर्स को सावधान रहने की सलाह दी है. एजेंसी ने पुष्टि की है कि यह साइबर खतरा तेजी से बढ़ रहा है और यूजर्स इसके शिकार बन रहे हैं. हैकर्स इन फर्जी वेबसाइट्स के जरिए बैंकिंग डिटेल्स और पासवर्ड्स जैसी संवेदनशील जानकारी चुरा रहे हैं. FBI के मुताबिक, स्कैमर्स सर्च एल्गोरिदम्स का फायदा उठाकर साइबर हमले कर रहे हैं.
हैकर्स की चाल: URL में हेरफेर
FBI के प्रवक्ता विक्की मिगोया ने Bleeping Computer को बताया कि स्कैमर्स यूजर्स को धोखा देने के लिए बेहद चालाक तरीके यूज कर रहे हैं. “ये स्कैमर्स असली URL की नकल करते हैं—बस एक अक्षर बदल देते हैं, जैसे ‘INC’ की जगह ‘CO’,” मिगोया ने कहा.
दिक्कत तब बढ़ती है जब सर्च इंजन के एल्गोरिदम्स पेड रिजल्ट्स को टॉप पर दिखाते हैं, जो अक्सर फर्जी होते हैं. “पहले जो यूजर्स ‘फ्री ऑनलाइन फाइल कन्वर्टर’ सर्च करते थे, वो अब आसानी से शिकार बन रहे हैं, क्योंकि सर्च रिजल्ट्स में पेड स्कैम्स ऊपर आते हैं,” उन्होंने जोड़ा.
यह खतरा सिर्फ इंडिविजुअल यूजर्स तक सीमित नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल इन्वेस्टिगेटर्स का मानना है कि ये फाइल कन्वर्टर ट्रिक फरवरी में Davenport, Iowa की एक मीडिया कंपनी पर हुए रैनसमवेयर हमले के पीछे हो सकती है. यानी ये छोटे-मोटे स्कैम बड़े संगठनों के लिए भी भारी नुकसान का सबब बन सकते हैं.
फर्जी और खतरनाक वेबसाइट्स को कैसे पहचानें
FBI का कहना है कि जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है. सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने इसको लेकर कुछ सलाह दी है.
किसी भी ऑनलाइन कन्वर्शन टूल का URL ध्यान से चेक करें.
सर्च रिजल्ट्स में टॉप पर आने वाले फ्री ऐड्स से बचें.
किसी भी फाइल कन्वर्शन सर्विस को यूज करने से पहले उसकी रिव्यूज और रिसर्च करें.
सबसे बढ़िया—ऑनलाइन कन्वर्टर्स से बचें और Adobe Acrobat या Microsoft Word जैसे भरोसेमंद ऐप्स यूज करें.
तो अगली बार फ्री कन्वर्टर की तलाश में सर्च इंजन पर न जाएं, वरना आपकी फाइल्स के साथ-साथ आपकी जेब भी हैकर्स के हवाले हो सकती है.
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.