साइबर सुरक्षित भारत से होगी आधार डेटा की सुरक्षा

Updated on 22-Jan-2018
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इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 'साइबर सुरक्षित भारत' लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य हमारे डेटा को सुरक्षित व संरक्षित रखना है.

देश के साइबरस्पेस की सुरक्षा को अहम बताते हुए केंद्रीय पर्यटन मंत्री के. जे. अल्फोंस ने शुक्रवार को कहा कि 'साइबर सुरक्षित भारत' की पहल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आधार डेटा सुरक्षित है. अल्फोंस ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "भारत में 118 करोड़ आधार खाते हैं. सरकार ने 2.40 लाख करोड़ रुपये मूल्य की सब्सिडी आधार से जुड़े जनधन खातों में हस्तांतरित की है. इसलिए हमें यह अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी प्रणाली संरक्षित है और हमारे डेटा सुरक्षित हैं."

उन्होंने कहा, "इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 'साइबर सुरक्षित भारत' लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य हमारे डेटा को सुरक्षित व संरक्षित रखना है." अमेज़न ग्रेट इंडियन सेल में इन प्रोडक्ट्स पर मिल रहे हैं ऑफर्स

यह पहल इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से शुरू की गई है. इसके जरिए सरकार के सभी विभागों में मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों और अग्रिम पंक्ति के सूचना प्रौद्योगिकी कर्मचारियों में साइबर अपराध और क्षमता निर्माण के प्रति जागरूकता लाई जाएगी. 

इसमें सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के एक समूह को शामिल किया गया है, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट, इन्टेल, विप्रो, रेड हैट, और डायमेंशन डेटा शामिल हैं. साथ ही, एनआईसी, नैस्कॉक, फिडो अलायंस, सिस्को आदि बतौर नॉलेज पार्टनर हैं. 

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा, "एक अरब से ज्यादा मोबाइल फोन आधार से जुड़े हैं और एक अरब से ज्यादा बैंक खाते भी जुड़े हैं, इसलिए हमें अरबों खतरों की चुनौती मिल रही है."

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि सामूहिक नजरिया इस दिशा में बढ़ने का अच्छा तरीका है और मुझे उम्मीद है कि ज्यादा सक्षम कंपनियां इस मुहिम से जुड़ेंगी और हमारे प्रयास में मददगार बनेंगी." अमेज़न ग्रेट इंडियन सेल में इन प्रोडक्ट्स पर मिल रहे हैं ऑफर्स

आधार डेटा लीक होने के खतरों के मद्देनजर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की ओर से डेटा की सुरक्षा को लेकर हाल ही में कुछ उपायों की घोषणा की थी, जिनमें वर्चुअल आईडी और चेहरे की पहचान की प्रणाली शामिल हैं. 

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IANS

Indo-Asian News Service

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