Amazon ने तकनीकी दुनिया में एक और बड़ा कदम उठा लिया है. कंपनी अब अपनी पहली पूरी तरह से स्वामित्व वाली सबसी फाइबर-ऑप्टिक केबल बनाने जा रही है, जिसका नाम Fastnet रखा गया है. यह केबल अमेरिका के Eastern Shore (Maryland) से आयरलैंड के County Cork तक फैलेगी, यानी यह अटलांटिक महासागर के नीचे से होकर गुजरेगी.
इस मेगा प्रोजेक्ट का उद्देश्य है क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और एज एप्लिकेशन के लिए उच्च गति और सुरक्षित डेटा कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना, जो अब Amazon Web Services (AWS) का केंद्र बन चुके हैं.
Amazon का दावा है कि Fastnet प्रोजेक्ट की डेटा क्षमता 320 Tbps (Terabits per second) से अधिक होगी. यह इतनी तेज होगी कि एक साथ 12.5 मिलियन HD मूवी स्ट्रीम की जा सकें. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह केबल सिस्टम दुनिया की सबसे हाई-कैपेसिटी सबसी लिंक में से एक होगी, जिससे न केवल Amazon बल्कि ग्लोबल इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बड़ा लाभ मिलेगा.
सबसी फाइबर-ऑप्टिक केबल्स दुनिया की डिजिटल इकॉनमी की रीढ़ हैं. आज लगभग 95% अंतरराष्ट्रीय डेटा और वॉइस ट्रैफिक इन्हीं केबल्स से गुजरता है. इसमें सरकारी संचार, वित्तीय ट्रांजैक्शन, ईमेल, वीडियो कॉल और क्लाउड डेटा सब शामिल हैं. इस वजह से Fastnet जैसा प्रोजेक्ट केवल Amazon के लिए ही नहीं बल्कि ग्लोबल डेटा स्थिरता और क्लाउड नेटवर्क की लो-लेटेंसी कनेक्टिविटी के लिए भी अहम कदम माना जा रहा है.
Amazon Web Services के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ कोर नेटवर्किंग Matt Rehder ने CNBC से बातचीत में कहा, “Subsea नेटवर्क AWS के लिए बेहद जरूरी है. समुद्र के पार कनेक्टिविटी के लिए यह रीढ़ की हड्डी जैसा काम करता है. बिना सबसी केबल्स के हमें सैटेलाइट पर निर्भर रहना पड़ता, लेकिन उसमें लेटेंसी, लागत और बैंडविड्थ की सीमाएं हैं. वह हमारे ग्राहकों और इंटरनेट की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है.” Rehder ने यह भी कहा कि Fastnet सिस्टम AWS के ग्लोबल नेटवर्क रेजिलिएंस को बेहतर करेगा और डेटा ट्रैफिक की सुरक्षा बढ़ाएगा.
हालांकि, Amazon ने इस प्रोजेक्ट की निर्माण लागत सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन कंपनी ने बताया कि Fastnet 2028 तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगा. यह Amazon के लिए एक स्वतंत्र निवेश मॉडल है. इससे पहले कंपनी ने Jako, Bifrost और Havfrue जैसे सबसी प्रोजेक्ट्स में साझेदारी की थी, लेकिन Fastnet पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसे Amazon अकेले बना रहा है.
Amazon इस क्षेत्र में अकेला खिलाड़ी नहीं है. दुनिया की अन्य दिग्गज टेक कंपनियां Google, Meta और Microsoft भी हाल के वर्षों में सबसी नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में अरबों डॉलर का निवेश कर चुकी हैं.
Google के पास Equiano और Grace Hopper, Meta के पास 2Africa, जबकि Microsoft ने कई ट्रान्सअटलांटिक और ट्रान्सपैसिफिक केबल सिस्टम में हिस्सेदारी ली है. अब Amazon के Fastnet के आने से इस दौड़ में नया मोड़ आने वाला है, क्योंकि यह पूरी तरह AWS-केंद्रित डेटा ट्रांसफर सिस्टम होगा.
Fastnet को सिर्फ एक केबल नहीं बल्कि “AI और Cloud युग का इंजन” माना जा रहा है. Amazon का मानना है कि आने वाले दशक में क्लाउड और जेनरेटिव AI की डेटा मांग कई गुना बढ़ेगी और उसके लिए आज ही मजबूत नेटवर्क बैकबोन बनाना जरूरी है. यह केबल एज कंप्यूटिंग को और तेज बनाएगी, जिससे AWS के ग्राहक डेटा को अपने नजदीकी सर्वर से प्रोसेस कर सकेंगे यानी कम लेटेंसी, तेज स्पीड और ज्यादा सुरक्षा.
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