Solar Eclipse 2025: साल 2025 में भी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. एक सूर्य ग्रहण तो मार्च में लग चुका है लेकिन अभी एक और सूर्य ग्रहण लगने वाला है. भारत में सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों दृष्टिकोणों से विशेष महत्व है. इस वजह से इस साल लगने वाले दूसरे सूर्य ग्रहण के बारे में सभी डिटेल्स आपको बताते हैं.
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आकर सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक देता है. यह खगोलीय घटना जहां विज्ञान के लिए शोध का विषय है, वहीं हिंदू धर्म में इसे एक विशेष आध्यात्मिक काल माना जाता है.
जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच इस प्रकार आ जाता है कि वह सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर आने से रोक देता है, तब सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है. यह ग्रहण आंशिक, पूर्ण या वलयाकार (Annular) हो सकता है. हिन्दू धर्म में सूर्य ग्रहण को राहु-केतु की छाया का प्रभाव माना गया है और इसे अशुभ समय भी माना जाता है.
2025 में दो आंशिक सूर्य ग्रहण होंगे. इसमें एक सूर्य ग्रहण या साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को लग चुका है. यह आंशिक सूर्य ग्रहण था. इसको यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, अटलांटिक और आर्कटिक महासागर के कुछ हिस्सों में देखा गया. भारत में यह दिखाई नहीं दिया.
इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगने जा रहा है. यह भी पहले वाले की तरह ही आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा. इसको भी भारत में नहीं देखा जा सकता है. हालांकि, यह ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और आसपास के पैसिफिक व अटलांटिक क्षेत्रों में दिखाई देगा. यानी भारत में इस साल आपको कोई भी सूर्य ग्रहण देखने को नहीं मिलेगा.
हिंदू पंचांग के अनुसार, सूतक काल सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले प्रारंभ होता है और ग्रहण समाप्ति के बाद खत्म होता है. लेकिन यह नियम केवल उन स्थानों पर लागू होता है जहाँ से ग्रहण दिखाई देता है. चूंकि 2025 के सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देंगे, इसलिए सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा.
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