कल कितने बजे दिखेगा गुरु पूर्णिमा का चांद? जानिए क्यों कहा जाता है इसे Buck Moon, डेट-टाइम और बाकी डिटेल्स

Updated on 09-Jul-2025

जुलाई का महीना इस बार खगोल प्रेमियों के लिए बेहद खास होने वाला है क्योंकि इसमें एक के बाद एक शानदार खगोलीय घटनाएं हो रही हैं. इन्हीं में से एक है जुलाई की पहली पूर्णिमा, जिसे “Buck Moon” कहा जाता है. इस साल यह चांदनी रात 10 जुलाई गुरुवार को दिखाई देगी. लेकिन आखिर ये “Buck Moon” क्या होता है, इसका नाम इतना अलग क्यों है और इस बार यह क्यों है खास? आइए जानते हैं.

Buck Moon क्या है?

हर साल जुलाई में जो पहली पूर्णिमा आती है, उसे “Buck Moon” कहा जाता है. यह चांद आमतौर पर सामान्य से अधिक चमकदार और आकाश में नीचा दिखाई देता है. इसका कारण है यह समय गर्मियों के संक्रांति (Summer Solstice) के करीब पड़ना. जब पृथ्वी का एक ध्रुव सूर्य की ओर झुका होता है, तब दिन सबसे लंबे होते हैं और सूर्य दोपहर में सबसे ऊंचे स्थान पर होता है, ऐसे में चांद आकाश में सबसे नीची स्थिति में पहुंचता है.

भारतीय संदर्भ में, जुलाई की यही पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ती है. हिन्दू पंचांग में आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है और यह अक्सर ग्रेगोरियन कैलेंडर के जुलाई महीने की पहली पूर्णिमा से मेल खाती है.

Buck Moon नाम क्यों पड़ा?

“Buck Moon” नाम की जड़ें Algonquin जनजाति से जुड़ी हैं, जो एक अमेरिकी नेटिव जनजाति थी और चांद के चक्रों से मौसम और प्राकृतिक बदलावों को ट्रैक करती थी. जुलाई की इस पूर्णिमा को “Buck Moon” इसलिए कहा गया क्योंकि इसी समय नर हिरण (bucks) के सींग दोबारा उगने लगते हैं.

इस चांद को “Thunder Moon” भी कहा जाता है क्योंकि अमेरिका के कुछ इलाकों में इस समय अधिक बारिश और गरज-चमक वाली आंधियां आती हैं. कुछ जनजातियां इसे “Salmon Moon” भी कहती थीं, क्योंकि इस समय सैल्मन मछलियों का प्रवास शुरू होता है.

इस बार Buck Moon क्यों है खास?

Earth का Aphelion (जब पृथ्वी सूर्य से सबसे दूर होती है) 1 हफ्ते पहले ही 3 जुलाई को था. यानी इस बार की Buck Moon 2025 की सूर्य से सबसे दूर वाली पूर्णिमा होगी. यह Buck Moon अब तक की सबसे नीची पूर्णिमा में से एक होगी. इसका कारण है एक दुर्लभ खगोलीय घटना “Major Lunar Standstill”, जिसमें सूर्य की ग्रैविटी चांद के झुकाव को चरम सीमा तक खींच देती है. यह घटना हर 18.6 साल में होती है.

क्या-क्या दिखेगा इस Buck Moon में?

जैसे ही चांद क्षितिज से उभरेगा, उसमें लाल-गोल्डन रंग की झलक हो सकती है. यह “Rayleigh scattering” की वजह से होता है, जब प्रकाश लंबी दूरी तय कर आंखों तक पहुंचता है.

बायनोक्युलर से देखने पर आप चांद के खास हिस्से जैसे कि Tycho crater (एक सफेद किरणों वाला गड्ढा) और basalt plains (काले रंग की समतल जगहें) को देख सकते हैं.

Buck Moon कहां और कब देखें?

  • चांद को देखने के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर खुला आसमान चुनें.
  • प्रदूषण रहित इलाका और साफ आसमान आपके अनुभव को बेहतर बनाएंगे.
  • टेलीस्कोप से देखने पर सबसे बेहतरीन दृश्य मिलेगा, लेकिन बायनोक्युलर या खुली आंखों से भी काफी कुछ देखा जा सकता है.
  • भारत में सूर्यास्त 10 जुलाई को शाम 7:21 बजे होगा. चांद लगभग 7:40 बजे क्षितिज पर दिखाई देने लगेगा.
  • सबसे अच्छा समय Buck Moon को देखने का होगा रात 2:08 बजे, जब यह अपने चरम पर होगा और सीधे सिर के ऊपर सबसे बड़ा दिखेगा.

तो अगर आप खगोल प्रेमी हैं या सिर्फ एक शांत, खूबसूरत रात का आनंद लेना चाहते हैं, तो 10 जुलाई की रात आपके लिए खास होगी. Buck Moon के साथ आसमान में रहस्य, विज्ञान
और प्रकृति की खूबसूरती एक साथ दिखाई देगी.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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