सोशल मीडिया पर फेमस होने की होड़ कई बार इन्फ्लुएंसर्स को जेल की हवा भी खिला देती है. कुछ ऐसा ही हुआ है उत्तर प्रदेश के मेरठ में, जहां एक मशहूर यूट्यूबर शादाब जकाती (Shadab Jakati) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आपने उनका एक वायरल वीडियो देखा होगा जिसमें वह दुकानदार से पूछते नजर आ रहे हैं कि 10 रुपये का बिस्कुट कितने का है जी.
अब गिरफ्तारी वजह एक वायरल वीडियो बना. जिसमें वह एक नाबालिग बच्ची और महिलाओं के साथ बातचीत करते हुए कथित तौर पर ‘अश्लील’ और ‘आपत्तिजनक’ बातें कह रहे थे. हालांकि, जमानत मिलने के बाद शादाब ने जो सफाई दी है, उसने मामले को एक नया मोड़ दे दिया है. उनका कहना है कि वीडियो में दिख रही बच्ची कोई और नहीं, बल्कि उनकी अपनी बेटी थी.
यह मामला तब गरमाया जब शादाब जकाती का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने लगा. इस क्लिप में वह एक दुकानदार की भूमिका में नजर आ रहे थे. वीडियो में वह एक नाबालिग लड़की और दो महिलाओं से बात करते दिख रहे हैं. शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि इस बातचीत में ‘अश्लील’ और ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणियां शामिल थीं, खासकर बच्ची के लुक्स को लेकर.
देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया और लोगों में गुस्सा भड़क उठा. आलोचकों का कहना था कि बच्चों को ऑनलाइन कंटेंट में शामिल करते समय सुरक्षा और मर्यादा की सीमाओं को लांघा गया है. मामला इतना बढ़ गया कि स्थानीय राजनीतिक नेताओं, जिनमें एक BJP नेता भी शामिल थे, ने पुलिस और बाल अधिकार आयोग (NCPCR) से संपर्क किया.
शिकायतों के बाद मेरठ पुलिस हरकत में आई. इंचौली पुलिस स्टेशन में अनीस और राहुल नामक स्थानीय निवासियों की शिकायत पर FIR दर्ज की गई. पुलिस ने शादाब जकाती पर गंभीर धाराएं लगाईं.
पुलिस ने बताया कि कार्रवाई मुख्य रूप से उस वीडियो पर आधारित थी जिसमें जकाती, एक दुकानदार के रूप में अभिनय करते हुए, कथित तौर पर नाबालिग से कुछ लाइनें बोलने के लिए कह रहे थे. पुलिस का मानना था कि वीडियो स्वीकार्य सीमाओं को पार करता दिखाई दिया, खासकर इसलिए क्योंकि इसमें एक बच्चा शामिल था. इसके तुरंत बाद उन्हें उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया.
गिरफ्तारी के बाद, शादाब जकाती को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें जमानत मिल गई. रिहा होने के बाद उन्होंने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा. उन्होंने दावा किया कि वीडियो को गलत समझा गया और किसी भी अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया था.
शादाब ने खुलासा किया कि क्लिप में दिख रही बच्ची उनकी अपनी बेटी है और उसके साथ दिख रही महिला उनकी पत्नी है. उनके अनुसार, वीडियो में बोली गई बातें एक तारीफ (compliment) के तौर पर थीं, न कि किसी भद्दी टिप्पणी के रूप में. उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें एहसास हुआ कि दर्शक नाखुश हैं, उन्होंने तुरंत वीडियो डिलीट कर दिया.
शादाब ने दुख जताते हुए कहा कि उन्हें पूरे भारत से प्यार मिलता है, लेकिन उनके अपने शहर मेरठ के लोगों ने उनके इरादों को गलत समझा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को बुरा लगा हो तो वह माफी मांगते हैं और भविष्य में वीडियो बनाते समय अधिक सावधान रहेंगे. यह मामला अब इन्फ्लुएंसर्स द्वारा वीडियो में बच्चों के इस्तेमाल और गाइडलाइन्स पर एक नई बहस छेड़ गया है.
अगर आप भी वीडियो वायरल करने के लिए ऐसी कोई प्लानिंग कर रहे हैं तो उसको स्थगित कर दीजिए. YouTube या इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाने को लेकर कानून सख्त है. गलती से भी आपको उम मर्यादाओं को पार नहीं करनी चाहिए जिसकी वजह से कानून का उल्लघंन हो और आपको जेल की हवा खानी पड़े.
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