बिना नेट-SIM फ्री में चलेंगे TV चैनल्स, वीडियो स्ट्रीमिंग में भी नहीं आएगी कोई बाधा, जानें कैसे काम करेगी D2M टेक्नोलॉजी

Updated on 13-May-2025

भारत में Direct-to-Mobile (D2M) टेक्नोलॉजी पिछले कुछ महीनों से चर्चा का केंद्र बनी हुई है. लगातार इस पर आ रही खबर से इनोवेटिव सर्विस को लेकर लोगों का उत्साह बढ़ता जा रहा है. ताजा खबरों के मुताबिक, D2M का कमर्शियल रोलआउट अब ज्यादा दूर नहीं है.

रिपोर्ट में बताय गया है कि पायलट प्रोजेक्ट्स, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और D2M सपोर्ट करने वाले डिवाइस का काम पूरा हो चुका है. लेकिन इसे सूचना और प्रसारण मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार है. इसे जैसे ही भारत सरकार से हरी झंडी मिलेगी यह टेक्नोलॉजी लाखों यूजर्स के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है.

D2M टेक्नोलॉजी क्या है?

आपको बता दें कि Direct-to-Mobile एक ऐसी ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी है जो बिना इंटरनेट कनेक्शन या SIM कार्ड के मोबाइल फोन्स पर टीवी चैनल्स, वीडियो, ऑडियो और टेक्स्ट मैसेज डिलीवर करती है. यह टेक्नोलॉजी बिल्कुल FM रेडियो की तरह काम करती है, जहां डिवाइस में मौजूद रिसीवर ब्रॉडकास्ट फ्रीक्वेंसी को कैप्चर करता है.

D2M मौजूदा टेरेस्ट्रियल ब्रॉडकास्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करता है, जिससे यूजर्स को बिना डेटा खर्च किए लाइव टीवी, स्पोर्ट्स, न्यूज और एजुकेशनल कंटेंट मिल सकता है.

Saankhya Labs (Bengaluru बेस्ड, Tejas Networks का हिस्सा) ने SL3000 चिप डेवलप किया है. जो मोबाइल्स को D2M सिग्नल्स रिसीव करने में सक्षम बनाता है. IIT Kanpur से शुरू हुई Free Stream Technologies के साथ मिलकर यह टेक्नोलॉजी तैयार की गई है. इसका मकसद मोबाइल डेटा को सस्ता करना, नेटवर्क कंजेशन कम करना और मीडिया-डार्क या अंडरसर्व्ड एरियाज में कंटेंट की पहुंच बढ़ाना है.

D2M के फायदे

बिना इंटरनेट या SIM के कंटेंट: D2M यूजर्स को बिना ब्रॉडबैंड या SIM के टीवी चैनल्स और वीडियो स्ट्रीमिंग का मजा लेने देगा. यह खास तौर पर उन रिमोट एरियाज के लिए फायदेमंद है, जहां नेटवर्क या ब्रॉडबैंड इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है.

नेटवर्क कंजेशन में कमी: D2M वीडियो ट्रैफिक को मोबाइल नेटवर्क से ब्रॉडकास्ट नेटवर्क पर शिफ्ट करेगा, जिससे नेटवर्क लोड कम होगा. इंफोर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग सेक्रेटरी Apurva Chandra के मुताबिक, यह 25-30% वीडियो ट्रैफिक को 5G नेटवर्क्स से हटा सकता है, जिससे डेटा स्पीड बढ़ेगी और कॉल ड्रॉप्स कम होंगे.

रिमोट एरियाज में पहुंच: जंगलों, पहाड़ों या ग्रामीण इलाकों में, जहां मोबाइल नेटवर्क कमजोर है, D2M कंटेंट डिलीवरी को आसान बनाएगा. यह 9 करोड़ “TV-डार्क” घरों (बिना टीवी वाले) को वीडियो कंटेंट से जोड़ेगा.

इमरजेंसी अलर्ट्स और पब्लिक सर्विस: D2M का इस्तेमाल आपदा प्रबंधन, इमरजेंसी अलर्ट्स और फेक न्यूज़ रोकने के लिए सरकारी जानकारी प्रसारित करने में होगा.

किफायती और डेटा-फ्री: यूजर्स को डेटा प्लान्स पर पैसे खर्च करने की ज़रूरत नहीं होगी. Sinclair Broadcasting (US बेस्ड) ने D2M सपोर्ट करने वाले किफायती फोन्स बनाने के लिए भारी निवेश किया है, जिससे यह टेक्नोलॉजी ज़्यादा सुलभ होगी.

D2M का मौजूदा स्टेटस

प्रसार भारती और IIT कानपुर ने बेंगलुरु, दिल्ली और नोएडा में D2M के पायलट प्रोजेक्ट्स सफलतापूर्वक पूरे किए हैं. प्रसार भारती ने 2024 के अंत में केंद्र सरकार को एक डिटेल्ड प्रपोजल सबमिट किया, जिसमें बड़े पैमाने पर टेस्टिंग और कमर्शियल फीजिबिलिटी की मांग की गई. Ministry of Information and Broadcasting से फाइनल अप्रूवल का इंतजार है, जो एक प्रोसीजरल स्टेप माना जा रहा है.

प्रसार भारती के पूर्व सीईओ Shashi Shekhar Vempati ने कहा, “Prasar Bharati को टेरेस्ट्रियल ब्रॉडकास्टिंग की मंजूरी पहले से है, और स्पेक्ट्रम इसके लिए रिज़र्व है. मुझे कोई बड़ी रुकावट नज़र नहीं आती.”

HMD Global और Lava जैसे मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स D2M सपोर्ट करने वाले फोन्स और फीचर फोन्स लॉन्च करने की तैयारी में हैं. Lava ने FreeStream Technologies के साथ मिलकर D2M फीचर फोन लॉन्च किया है, जो बिना Wi-Fi या डेटा के OTT कंटेंट और लाइव टीवी दिखा सकता है.

हालांकि D2M टेक्नोलॉजी तैयार है, लेकिन कुछ चुनौतियां बाकी हैं. D2M को एक कन्वर्ज्ड ब्रॉडकास्ट-टेलीकॉम सर्विस के तौर पर रेगुलेट करने के लिए नया फ्रेमवर्क चाहिए. DoT और सूचना प्रसारण मंत्रालय इस पर काम कर रहे हैं. सूचना और प्रसारण मंत्रालय की मंजूरी के बाद साल 2026 में इसके रोलआउट की उम्मीद है. यह टेक्नोलॉजी डिजिटल डिवाइड को पाटने और 80 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स तक कंटेंट पहुंचाने में बड़ा रोल अदा करेगी.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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