UIDAI soon rule with photo, QR code Aadhaar card offline verification
आधार कार्ड में नाम, पता या जन्मतिथि ठीक कराने के लिए लगने वाली लंबी लाइनों और चक्करों से जल्द ही छुटकारा मिलने वाला है. भारत सरकार का भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) एक बिल्कुल नया मोबाइल ऐप डेवलप कर रहा है, जिससे आप घर बैठे ही अपने स्मार्टफोन से आधार की ज्यादातर डिटेल्स अपडेट कर पाएंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यह ऐप इस साल के अंत तक लॉन्च हो सकता है और इसका मकसद पूरी प्रक्रिया को आसान, तेज और सुरक्षित बनाना है. आइए, जानते हैं कि इस आने वाले ऐप में क्या-क्या खास होगा और यह आपकी जिंदगी को कैसे आसान बनाएगा.
UIDAI द्वारा बनाया जा रहा यह मोबाइल एप्लिकेशन आपको अपने स्मार्टफोन से ही नाम, घर का पता और जन्मतिथि जैसी जरूरी व्यक्तिगत डिटेल्स को अपडेट करने की सुविधा देगा. इसका सीधा सा मतलब है कि अब आपको छोटे-मोटे बदलावों के लिए आधार सेवा केंद्रों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
इस ऐप को और भी सुरक्षित और सहज बनाने के लिए, इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को फेस आईडी टेक्नोलॉजी के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा. इससे यह सुनिश्चित होगा कि सिर्फ सही व्यक्ति ही अपने आधार में कोई बदलाव कर पा रहा है. यह डिजिटल सॉल्यूशन पूरे भारत के यूजर्स को एक सुरक्षित और आसान डिजिटल आधार सर्विस देने का वादा करता है. सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक, यह ऐप इस साल के अंत तक आने की पूरी संभावना है.
इस ऐप के आने के साथ ही आधार अपडेट का पूरा तरीका भी बदलने वाला है. बताया जा रहा है कि नवंबर महीने से, आधार यूजर्स को एनरोलमेंट सेंटर्स पर सिर्फ बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के लिए ही जाना होगा, जिसमें फिंगरप्रिंट और आईरिस (आंखों की पुतली) स्कैनिंग शामिल है. बाकी सारे काम आप ऐप से ही कर पाएंगे.
UIDAI के इस नए कदम का मकसद अपडेट प्रोसेस को सरल बनाना, लंबी-चौड़ी कागजी कार्रवाई को खत्म करना, पहचान धोखाधड़ी के जोखिमों को कम करना और पूरी प्रक्रिया को तेज बनाना है.
इस ऐप की एक और सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि यह दूसरे सरकारी स्रोतों से आपका डेटा अपने आप उठा लेगा. यानी आपको अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स को स्कैन करके अपलोड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. UIDAI की योजना है कि यह ऐप आपके जन्म प्रमाण पत्र, PAN कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से राशन कार्ड और MNREGA योजना के रिकॉर्ड जैसे वेरिफाइड सरकारी डॉक्यूमेंट्स से डेटा ऑटोमैटिक रूप से ले लेगा. यहां तक कि एड्रेस वेरिफिकेशन को और भी आसान बनाने के लिए बिजली बिल की डिटेल्स को भी इसमें शामिल किया जा सकता है.