इस हफ्ते आसमान में एक अद्भुत खगोलीय घटना घटने वाली है, जब चांद पूरी तरह से लाल रंग का हो जाएगा. 7-8 सितंबर की रात को साल का सबसे लंबा और सबसे बड़ा पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, जिसे ‘ब्लड मून’ भी कहा जाता है. सबसे अच्छी बात यह है कि यह शानदार नजारा भारत के लगभग सभी शहरों में साफ-साफ दिखाई देगा.
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह ग्रहण लगभग 82 मिनट तक चलेगा, जिससे यह हाल के वर्षों में सबसे लंबे और सबसे व्यापक रूप से दिखाई देने वाले चंद्र ग्रहणों में से एक बन जाएगा. यहां इस दुर्लभ नजारे के बारे में वह सब कुछ है जो आपको जानना चाहिए.
एक पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे उसकी सबसे गहरी छाया, जिसे अम्ब्रा (umbra) कहा जाता है, चंद्रमा की सतह पर पड़ती है. अंधेरे में विलीन होने के बजाय, चंद्रमा गहरे लाल और तांबे के रंग में चमक उठेगा. यह अद्भुत प्रभाव इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य के प्रकाश को मोड़ता है, नीले और बैंगनी जैसे छोटे वेवलेंथ को फिल्टर कर देता है, जबकि केवल लाल और नारंगी के लंबे वेवलेंथ ही चंद्रमा तक पहुंचते हैं.
ग्रहण के दौरान चंद्रमा के लाल होने को रेले स्कैटरिंग (Rayleigh scattering) नाम के एक घटना द्वारा समझाया जा सकता है. जैसे ही सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरता है, कण प्रकाश के छोटे वेवलेंथ को अलग-अलग दिशाओं में बिखेर देते हैं. इस बीच, लाल और नारंगी रंग चंद्रमा पर पड़ते हैं, जिससे उसे प्रसिद्ध ब्लड मून का लुक मिलता है.
7-8 सितंबर, 2025 का पूर्ण चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप में दिखाई देगा. भारत में, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पुणे, लखनऊ, हैदराबाद और चंडीगढ़ जैसे प्रमुख शहरों में चंद्रमा को लाल होते देखने का एक स्पष्ट अवसर होगा, बशर्ते कि बादल या प्रदूषण जैसी मौसम संबंधी स्थितियां बाधा न डालें.
आप भी अगर इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखना चाहते हैं तो तैयार हो जाइए. बस 4 दिन ते बाद आपको यह दुर्लभ नजारा आसमान में देखने को मिलेगा. हालांकि, खगोलीय के साथ-साथ भारत में इसको लेकर ज्योतिष मान्यता भी है. जिसकी वजह से चंद्र ग्रहण का महत्व भारत में काफी ज्यादा बढ़ जाता है.