एलन मस्क की स्टारलिंक (Starlink) को भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने के लिए जल्द ही लाइसेंस मिल सकता है? असल में, अभी बीते कल ही कंपनी के बड़े बड़े प्रतिनिधियों ने देश के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की है, और भविष्य की निवेश योजनाओं पर भी चर्चा हुई है। इससे यह भी संकेत मिल रहा है कि भारत में जल्द ही सीधे आसमान से इंटरनेट मिलना शुरू हो जाने वाला है?
एक सोशल मीडिया पोस्ट में पीयूष गोयल ने बताया, “स्टारलिंक (Starlink) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात हुई, जिसमें वाइस प्रेसिडेंट चैड गिब्स और सीनियर डायरेक्टर रयान गुडनाइट शामिल थे। चर्चा के दौरान स्टारलिंक (Starlink) की अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी प्लेटफ़ॉर्म, मौजूदा साझेदारियों और भारत में भविष्य की निवेश योजनाओं पर बातचीत हुई।”
अभी तक स्टारलिंक (Starlink) को सैटेलाइट सेवा शुरू करने का लाइसेन्स नहीं मिला है!
स्टारलिंक (Starlink) 2021 से भारत के सैटेलाइट कम्युनिकेशन सेक्टर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा है, हालांकि, कंपनी को अभी तक देश में संचालन के लिउए लाइसेन्स प्राप्त नहीं हुआ है। वर्तमान में 125 से अधिक देशों में सेवा देने वाली यह कंपनी भारत में सैटेलाइट सेवाएं प्रदान करने के लिए ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस की आवश्यकता रखती है।
जहां भारती ग्रुप की वनवेब और जियो-SES की संयुक्त पहल, जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस को पहले ही लाइसेंस मिल चुका है, वहीं स्टारलिंक (Starlink) और अमेज़न का प्रोजेक्ट कुइपर अभी भी भारतीय अधिकारियों की मंज़ूरी का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच, दूरसंचार विभाग (DoT) के एक अधिकारी ने कहा है कि लाइसेंस जारी करने से पहले सभी जरूरी जांच और प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।
2021 में, भारत में नियामकीय अड़चनों के कारण स्टारलिंक (Starlink) ने भारतीय ग्राहकों से लिए गए प्री-ऑर्डर के पेमेंट भी वापिस कर दिए थे। भारत की दो प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों भारती एयरटेल और रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स ने स्टारलिंक (Starlink) के साथ साझेदारी की घोषणा की है ताकि वे अपने ग्राहकों को ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान कर सकें।
जियो अपने JioAirFiber और JioFiber ऑफ़रिंग्स के साथ स्टारलिंक (Starlink) का उपयोग करेगा, जबकि एयरटेल अपने एंटरप्राइज़ सॉल्यूशंस के तहत बिज़नेस कनेक्टिविटी के लिए स्टारलिंक (Starlink) की सेवाओं को इस्तेमाल करने वाला है। इसके अलावा, दोनों टेलीकॉम कंपनियां अपने रिटेल और ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से स्टारलिंक (Starlink) सेवाओं का वितरण करेंगी, स्टोर में डिवाइस आदि उपलब्ध कराएंगी, और इंस्टॉलेशन एवं एक्टिवेशन के लिए ग्राहक सहायता केंद्र आदि भी प्रदान करेंगी।
पारंपरिक ब्रॉडबैंड सेवाओं के मुकाबले, जो फाइबर केबल्स या मोबाइल टावरों पर निर्भर होती हैं, स्टारलिंक इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स के नेटवर्क का उपयोग करता है। जनवरी 2024 तक, Elon Musk की कंपनी SpaceX ने लगभग 7,000 स्टारलिंक सैटेलाइट्स लॉन्च किए हैं, और एलन मस्क ने यह पुष्टि की है कि हर पांच साल में इस नेटवर्क को नई तकनीक के साथ अपग्रेड किया जाएगा।
आपको जानकारी के लिए बता देते है कि कनेक्शन के लिए यूजर्स को एक Starlink डिश और राउटर की आवश्यकता होती है, जो पृथ्वी की कक्षा में मौजूद सैटेलाइट्स से कनेक्शन बनाता है। इसके बाद डिश अपने आप नजदीकी स्टारलिंक सैटेलाइट क्लस्टर के साथ अलाइन हो जाता है, जिससे बिना रुकावट इंटरनेट कनेक्शन बना रहता है। इसका मतलब है कि आसमान से सीधे आपके डिवाइस पर आपको इंटरनेट मिलने वाला है।
हालांकि भारत के लिए स्टारलिंक के प्लान आदि की घोषणा अभी के लिए नहीं की गई है, अभी के लिए तो कंपनी को भारत में संचालन का लाइसेन्स भी नहीं मिला है लेकिन भूटान आदि के प्लान देखकर अंदाजा लगा सकते है कि भारत में इसकि कीमत क्या हो सकती है।
हालांकि, भारत में विदेशी डिजिटल सेवाओं पर लगभग 30% अधिक टैक्सेशन होने के कारण, स्टारलिंक की सेवाएं भूटान की तुलना में थोड़ी महंगी हो सकती हैं। संभावित रूप से, भारत में स्टारलिंक प्लान की कीमत ₹3,500 से ₹4,500 प्रति माह से शुरू हो सकती है। अभी के लिए भारत के लिए कोई भी प्लान सामने नहीं आया है। यह कीमत केवल और केवल एक अंदाजे के तौर पर आपको बताई जा रही है।
यह भी पढ़ें: चर्चा बटोरने आ रहा है Infinix Note 50s 5G+, लॉन्च से पहले ही सामने आई जरूरी डिटेल्स, अभी के अभी डाल लें नजर