Starlink India Price: Elon Musk का बड़ा दांव! 2500 रुपये में मिल सकता है सैटेलाइट इंटरनेट, जानें कब होगा लॉन्च

Updated on 14-Dec-2025

एलन मस्क (Elon Musk) की इंटरनेट सर्विस ‘Starlink’ का भारत में इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक बड़ी खबर है. पहले चर्चा थी कि इसकी कीमत 8,000 रुपये के आसपास होगी, लेकिन अब सामने आया है कि मस्क भारत के ‘प्राइस-कॉन्शियस’ मार्केट को देखते हुए इसे काफी सस्ता लॉन्च करने वाले हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, Starlink का मंथली प्लान 2,500 से 3,500 रुपये के बीच हो सकता है. भले ही यह Jio और Airtel Fiber से महंगा है, लेकिन उन दूरदराज की जगहों के लिए वरदान साबित होगा जहां मोबाइल टावर या केबल नहीं पहुंच पाते. आइए जानते हैं कब तक शुरू होगी सर्विस और क्या है कंपनी का पूरा प्लान.

आपको बता दें कि इससे पहले, Starlink ने अपनी वेबसाइट पर गलती से 8,600 रुपये की मासिक कीमत प्रदर्शित की थी, जिसे बाद में तकनीकी त्रुटि (technical error) बताते हुए हटा दिया गया था. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना था कि वह कीमत भारत जैसे बाजार के लिए बहुत ज्यादा थी.

लाइसेंस और लॉन्च की स्थिति

कंपनी ने रिटेल सैटेलाइट सर्विसेज के लिए आवश्यक GMPCS (ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट) लाइसेंस पहले ही हासिल कर लिया है.

अन्य अनुमतियां: इसके पास VSAT लाइसेंस और उड़ान (flight) तथा समुद्री कनेक्टिविटी के लिए भी अनुमति है.

सोर्स के अनुसार, Starlink आधिकारिक कीमतों की घोषणा DoT (दूरसंचार विभाग) से पूर्ण विनियामक मंजूरी (regulatory clearances) और स्पेक्ट्रम आवंटन (spectrum allocation) प्राप्त करने के बाद ही करेगी.

क्या यह Jio और Airtel को टक्कर देगा?

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि सैटेलाइट कम्युनिकेशन पारंपरिक टेलीकॉम कंपनियों के लिए व्यवधान (disruptive force) के बजाय एक पूरक सेवा (supplementary service) होगी. इसका मुख्य कारण ब्रॉडबैंड सेवाओं में भारी मूल्य अंतर है.

JM Financial के अनुसार, जबकि Reliance Jio और Bharti Airtel 500 रुपये से 1,000 रुपये मासिक पर बेसिक फाइबर और फिक्स्ड वायरलेस सर्विसेज देते हैं, Starlink की लागत इनसे तीन से पांच गुना अधिक होने की उम्मीद है.

भारत के लिए रणनीति

एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट का सुझाव है कि भारत के लिए Starlink की शुरुआती रणनीति तत्काल लाभ (profitability) के बजाय उपस्थिति स्थापित करने पर केंद्रित है.

कवरेज: भारत में 4G, 5G और FWA कवरेज 90% से अधिक है, जो अमेरिका से काफी अलग है (जहां 20-25% क्षेत्र में कनेक्टिविटी की कमी है). इसलिए Starlink यहां उन दुर्गम इलाकों को टारगेट करेगा जहां अभी भी नेट नहीं है.

नेतृत्व: भारत के संचालन और सरकारी संबंधों की निगरानी लॉरेन ड्रायर (Lauren Dreyer), जो Starlink के वाइस प्रेसिडेंट हैं, द्वारा की जाएगी.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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