बैंकिंग से लेकर सोशल मीडिया और सरकारी पोर्टल तक, आज का डिजिटल इकोसिस्टम आपके मोबाइल नंबर पर टिका है. लेकिन जरा सोचिए, अगर आपका पुराना नंबर किसी और को मिल जाए, तो उसके हाथों में क्या-क्या पहुंच सकता है? हाल ही में एक Reddit यूजर की पोस्ट ने इस खतरे की असल झलक दिखा दी.
उस यूजर ने एक नया SIM कार्ड खरीदा, पर जल्द ही उसे अजनबी लोगों के कॉल्स और मैसेज आने लगे. Truecaller पर जांच करने पर नंबर किसी ‘Kiran’ नाम की महिला के नाम पर दिखा. कुछ ही मिनटों में उसने पाया कि यह नंबर Zomato, Swiggy, Uber, Facebook और यहां तक कि सरकारी साइट्स तक से जुड़ा हुआ है.
उसके शब्दों में “मैं तो सीधे Kiran के Facebook अकाउंट में लॉगिन कर सका, उसका पर्सनल डेटा देख सका. Zomato पर पुराने ऑर्डर्स थे, Uber पर खराब रेटिंग्स और बैंक से रिकवरी कॉल आने लगे.” यह मामला सिर्फ एक यूजर तक सीमित नहीं है. सोशल मीडिया पर ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां पुराने नंबरों से OTP, बैंकिंग एक्सेस और पर्सनल डेटा लीक हुआ.
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, अगर कोई मोबाइल नंबर 90 दिनों तक निष्क्रिय रहता है या उसमें रिचार्ज नहीं कराया गया तो टेलीकॉम कंपनी उसे “इनएक्टिव” घोषित कर देती है. इसके बाद उस नंबर को किसी अन्य यूजर को उसे जारी किया जा सकता है.
2023 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे कानूनी माना और कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को रीइश्यू रोकने से नहीं रोका जा सकता, क्योंकि नंबरों की संख्या सीमित है. यही प्रक्रिया लाखों नंबरों के री-यूज को बढ़ावा देती है. हालांकि, इसके साथ डेटा मिसयूज का खतरा बढ़ जाता है.
बैंक अकाउंट और UPI ऐप्स अपडेट करें
Paytm, Google Pay, PhonePe या नेटबैंकिंग ऐप्स में पुराना नंबर एक्टिव छोड़ना सबसे बड़ा रिस्क है. अपने बैंक शाखा में जाकर या ग्राहक सेवा से संपर्क कर नया मोबाइल नंबर अपडेट कराएं. अधिकांश ऐप्स में आप Settings- Profile- Update Mobile Number के जरिए बदलाव कर सकते हैं.
सोशल मीडिया अकाउंट्स में नया नंबर डालें
Facebook, Instagram और X (Twitter) में लॉगिन करें और Account Settings- Personal Information में जाकर नया नंबर अपडेट करें. इससे दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सुरक्षित रहेगा.
ई-कॉमर्स और राइड ऐप्स पर भी करें बदलाव
Zomato, Swiggy, Ola, Uber जैसे ऐप्स में पुराने नंबर से जुड़ा डेटा सेव रहता है. नया नंबर डालें और OTP से वेरीफाई करें ताकि पुराना यूजर लॉगिन न कर सके.
ईमेल और टू-फैक्टर वेरिफिकेशन रीसेट करें
अपने ईमेल अकाउंट पर जाएं और जुड़े मोबाइल नंबर को बदलें. यह जरूरी है क्योंकि OTP या सिक्योरिटी कोड वही पुराने नंबर पर जा सकते हैं.
डिजिटल सुरक्षा के लिए सबसे अहम आदतें
मोबाइल नंबर अब सिर्फ कॉल करने का ज़रिया नहीं है, बल्कि यह आपकी डिजिटल पहचान और वित्तीय सुरक्षा की चाबी है. थोड़ी लापरवाही आपकी पूरी डिजिटल मौजूदगी किसी और के हाथों में दे सकती है.
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