History of Black Friday and how its become the global sale festival
Black Friday हर साल Thanksgiving के बाद आने वाला वह दिन है, जब दुनिया भर में बड़ी-बड़ी सेल्स और भारी डिस्काउंट शुरू हो जाते हैं। लेकिन इस सेल डे का इतिहास उतना सीधा नहीं है, जितना हमें लगता है या नहीं भी लगता है। Black Friday शब्द पहली बार 1869 में इस्तेमाल हुआ था, वो भी एक बड़े आर्थिक संकट के लिए, जब सोने की कीमतें गिरने से अमेरिका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से हिल गई थी। बाद में 1950 और 1960 के दशक में, Philadelphia की पुलिस ने इस दिन को Black Friday कहना शुरू किया क्योंकि त्योहार के अगले दिन शहर में ऐसी भीड़ और ट्रैफिक हो जाता था कि उनका पूरा दिन ही खराब हो जाता था। आज 28 नवंबर है और आज के दिन को दुनिया भर में ब्लैक फ्राइडे के तौर पर मनाया जा रहा है। सालों पहले इसका मतलब कुछ और था लेकिन इस समय यह दुनिया भर के लिए एक अलग ही दिन बन गया है, नीचे हम जानने वाले है कि आखिर कैसे एक संकट सबसे बड़ा ग्लोबल शॉपिंग ईवेंट कैसे बन गया।
Black Friday का खरीदारी से जुड़ना तब शुरू हुआ जब दुकानदारों ने देखा कि थैंक्सगिविंग के अगले दिन बड़ी संख्या में लोग छुट्टी पर होते हैं और शॉपिंग करने के लिए अपने घरों से निकलते हैं। उन्होंने इस मौके को भुनाने के लिए इस दिन बड़े डिस्काउंट आदि ऑफर करके ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करना शुरू कर दिया। 1980 के दशक तक यह दिन खुदरा रिटेलर्स के लिए साल की सबसे ज़्यादा कमाई वाला दिन बन गया। दुकानों ने इसे into the black, मतलब प्रॉफिट में जाने वाला दिन कहकर इसका पॉज़िटिव अर्थ प्रचारित करना शुरू कर दिया और इसी के बाद से Black Friday का मतलब पूरी तरह से बदल गया और यह दुनिया भारत में एक बड़े शॉपिंग ईवेंट के तौर पर मनाया जा रहा है। आज हम भारत में भी बड़े पैमाने पर इस सेल की झलक देख रहे हैं। Amazon, Flipkart जैसे जाने माने नामों के अलावा इस सेल में ऑनलाइन और ऑफलाइन सभी रिटेलर्स बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।
आज Black Friday एक ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है। भारत, यूके और एशिया के कई देश भी इसमें शामिल होते हैं और ऑनलाइन-ऑफ़लाइन दोनों जगह बड़े सेल ऑफ़र्स लॉन्च करते हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने इसे और बड़ा बना दिया है। भारत में हमने देखा है कि यह ईवेंट लगभग लगभग एक सप्ताह से चल रहा है।
लोग Black Friday Sale को इसलिए भी सबसे ज्यादा पसंद करने लगे हैं, क्योंकि उन्हें कम दाम में अलग अलग ब्रांडस के बहुत से प्रोडक्टस को खरीदने का मौका मिलता है। अपने अजीब से इतिहास और बिज़नेस-सेंट्रिक इमेज के बावजूद भी Black Friday आज भी दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ज़्यादा इंतज़ार किया जाने वाला शॉपिंग डे बना हुआ है। भारत में भी इसका प्रभाव बड़े पैमाने पर देखा जा सकता है। हालांकि, यह एक बड़ा शॉपिंग ईवेंट है जो पूरी दुनिया में मशहूर है, ऐसे में इसके साथ कुछ जोखिम भी जुड़े हो सकते हैं। भारत जैसे देश में जहां हर सेल से पहले ही यूजर्स को लूटने के लिए कई हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए जाते हैं, वैसे ही ब्लैक फ्राइडे के दौरान भी होता है। आइए जानते है कि आखिर कैसे इस सेल के नाम पर आपसे ठगी होती है या हो सकती है।
आज Black Friday सिर्फ ऑफ़र्स का त्योहार नहीं है, बल्कि ऑनलाइन स्कैम का भी अड्डा बन गया है। भारत में भी इस हफ्ते के दौरान फेक वेबसाइट्स, फर्जी ब्रांड पेज और नकली डिस्काउंट ऑफ़र्स की संख्या बड़े पैमाने पर बढ़ने लगती है। कई रिपोर्ट्स कथित तौर पर ऐसा डेटा देती हैं कि 2000 से ज़्यादा ऐसी फेक साइट्स ऐसी हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है जो Amazon, Apple, Flipkart जैसे साइट्स की नकल बनाकर लोगों को लुभावने ऑफर देकर लूट रही थी। कथित तौर पर ऐसा भी सामने आया है कि कई स्कैम करने वाली वेबसाइट्स ग्राहकों से 80–90% OFF का झांसा देकर यूज़र्स से कार्ड और UPI जैसा अहम डेटा चुरा लेती हैं।
Black Friday के दौरान फर्जी ऐप, फेक पेमेंट लिंक, सोशल मीडिया पर चलने वाले नकली Giveaways और फेक URL रखने वाली वेबसाइटें सबसे आम धोखाधड़ी की लिस्ट में आती हैं। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट भी मानते हैं कि इस हफ्ते में ऑनलाइन फ्रॉड लगभग 400% तक बढ़ जाते हैं। इसी वजह से असली ऑफ़र्स और फेक स्कीम्स को पहचानना बेहद ज़रूरी हो जाता है। इसी कारण आपको ऑनलाइन बेहद ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए। हालांकि, बाजार में हर साल ऐसा कुछ होता है लेकिन इसके बाद भी इस समय Black Friday एक ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है।