क्या आप अक्सर किसी कैफे, एयरपोर्ट या होटल में फ्री Wi-Fi से कनेक्ट करते हैं? तो अब सतर्क हो जाइए. Google ने अपने हालिया Android: Behind the Screen रिपोर्ट में इसको लेकर चेतावनी दी है. रिपोर्ट में पब्लिक Wi-Fi नेटवर्क्स को लेकर लोगों को सचेत रहने के लिए कहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, अगर आप भी पब्लिक Wi-Fi नेटवर्क्स पर जुड़ते ही आप अनजाने में हैकर्स को अपने बैंक अकाउंट, पासवर्ड और प्राइवेट चैट्स तक पहुंच दे सकते हैं. कंपनी के मुताबिक, साइबर अपराधी अनएन्क्रिप्टेड पब्लिक नेटवर्क्स के जरिए वे आपके लॉगिन डिटेल्स इंटरसेप्ट कर सकते हैं, OTP और SMS पढ़ सकते हैं और यहां तक कि रीयल टाइम में आपके ट्रांजैक्शन ट्रैक कर सकते हैं.
Google ने साफ कहा है कि यूजर्स को ऐसे Wi-Fi से दूर रहना चाहिए, खासकर जब वे ऑनलाइन बैंकिंग, शॉपिंग या किसी भी पर्सनल अकाउंट में लॉगिन कर रहे हों.
यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब भारत में डिजिटल ठगी के मामले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुके हैं. Google की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक साल में मोबाइल-आधारित स्कैम्स एक “ग्लोबल अंडरग्राउंड इंडस्ट्री” बन गए हैं. जो $400 बिलियन (करीब ₹33 लाख करोड़) से अधिक की ठगी कर चुके हैं. इसमें केवल 5% पीड़ित ही अपनी रकम वापस पा सके हैं.
Google का कहना है कि आज के स्कैमर्स अब ‘हाई-टेक बिज़नेस मॉडल’ पर काम कर रहे हैं. वे चोरी किए गए फोन नंबर खरीदते हैं, बॉट्स से एक साथ लाखों SMS और WhatsApp मैसेज भेजते हैं, और फिशिंग-एज-ए-सर्विस टूल्स के जरिए असली वेबसाइट्स की हूबहू कॉपी बना लेते हैं.
इन नेटवर्क्स की सबसे खतरनाक बात यह है कि ये बेहद लचीले (agile) हैं. जब भी किसी देश में साइबर निगरानी सख्त होती है, ये अपने ऑपरेशंस ऐसे इलाकों में शिफ्ट कर देते हैं जहां सिम कार्ड सस्ते और आसानी से मिलते हैं जैसे दक्षिण एशिया, अफ्रीका या छोटे भारतीय राज्यों में.
Google ने चेताया है कि आधुनिक स्कैम्स केवल तकनीकी नहीं, मनोवैज्ञानिक भी हैं. अब अपराधी आपके डर और जल्दबाजी को हथियार बना रहे हैं. विक्टिम को “आपका बैंक अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया है.”, “आपका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द होने वाला है.”, “आपकी बिजली बिल पेंडिंग है, तुरंत भुगतान करें.” जैसे मैसेज भेजे जाते हैं.
ये मैसेज आपको घबराकर क्लिक करने पर मजबूर करते हैं. एक बार लिंक खुलते ही, आपके फ़ोन से डेटा, पासवर्ड और बैंक जानकारी चोरी हो जाती है. कई ठग अब ग्रुप चैट्स में अपने सहयोगियों को जोड़कर बातचीत को विश्वसनीय दिखाने की कोशिश करते हैं ताकि पीड़ित को लगे कि बातचीत असली लोगों से हो रही है.
पब्लिक Wi-Fi से बचें: जब तक जरूरी न हो, किसी भी पब्लिक Wi-Fi से कनेक्ट न करें. अगर करना ही पड़े, तो VPN का इस्तेमाल करें और बैंक या पेमेंट ऐप्स में लॉगिन न करें.
ऑटो-कनेक्ट फीचर बंद करें: अपने फोन की Wi-Fi सेटिंग में जाकर ऑटो कनेक्ट को डिसेबल कर दें.
नेटवर्क की वैधता जांचें: किसी Wi-Fi नेटवर्क का नाम देखकर तुरंत कनेक्ट न करें. सही नेटवर्क में हमेशा HTTPS एन्क्रिप्शन और पासवर्ड प्रोटेक्शन होता है.
फिशिंग मैसेज से बचें: अनजान ईमेल, WhatsApp लिंक या SMS पर क्लिक न करें, चाहे वे “सरकारी ऑफर” या “बैंक अलर्ट” ही क्यों न लगें.
डिवाइस अपडेट रखें: अपने मोबाइल और ऐप्स में नियमित रूप से सिक्योरिटी अपडेट इंस्टॉल करें.
बैंक स्टेटमेंट चेक करें: महीने में कम से कम एक बार अपने बैंक और कार्ड ट्रांज़ैक्शन की जांच करें.
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