गर्मियों और बरसात के दिनों में अगर आपके पास एयर कंडीशनर नहीं है, तो कूलर ही सबसे भरोसेमंद उपाय होता है. लेकिन जैसे ही बारिश शुरू होती है, नमी का स्तर इतना बढ़ जाता है कि कूलर की हवा भी भारी और चिपचिपी लगने लगती है. कमरा बोझिल हो जाता है और ठंडक का असर खत्म हो जाता है.
अब सवाल ये उठता है कि क्या ऐसी स्थिति में कोई आसान और कम खर्चीला तरीका है, जिससे न तो कूलर बंद करना पड़े और न ही चिपचिपे माहौल में रहना पड़े? तो इसका जवाब है हां, कुछ घरेलू ट्रिक्स अपनाकर आप कमरे की नमी को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं और AC जैसी ठंडक का अनुभव भी कर सकते हैं. आइए ऐसे तीन असरदार उपाय जानते हैं.
बेकिंग सोडा: यह केवल एक किचन इंग्रेडिएंट नहीं है, बल्कि यह प्राकृतिक रूप से हवा में मौजूद नमी को सोखने की क्षमता रखता है. इससे कमरा सूखा और ठंडा बना रहता है.
कैसे करें इस्तेमाल: थोड़ा बेकिंग सोडा लेकर उसे सूती कपड़े में बांधें और कमरे के किसी भी कोने में टांग दें. जब आप कूलर चलाएंगे, तो यह धीरे-धीरे वातावरण की नमी को खींच लेगा. इससे चिपचिपाहट गायब हो जाएगी और ठंडक दोगुना हो जाएगी. ये तरीका बेहद कम खर्चीला और असरदार है.
कई लोग मानते हैं कि कूलर चलने के बाद पंखे की जरूरत नहीं होती, लेकिन यही सोच मानसून में उल्टा असर डालती है. बंद कमरे में कूलर की हवा घूम नहीं पाती, जिससे उमस जमा हो जाती है. इसलिए, कूलर के साथ पंखा भी चलाएं ताकि कमरे की हवा लगातार मूव करती रहे। इससे नमी बाहर निकलती है और ठंडक ज्यादा देर तक बनी रहती है.
अगर आपके कमरे में एग्जॉस्ट फैन लगा है, तो उसे जरूर चालू रखें। यह नमी और भरी हवा को बाहर निकालने में मदद करता है. अगर एग्जॉस्ट फैन नहीं है, तो कम से कम खिड़की थोड़ी खुली रखें ताकि ताज़ा हवा अंदर आ सके और उमस टिकने न पाए.
AC ना होने पर भी मानसून में घर को ठंडा और आरामदायक बनाया जा सकता है, बस आपको सही उपाय अपनाने की जरूरत है. ऊपर बताए गए ये तीन देसी उपाय: बेकिंग सोडा, पंखा और वेंटिलेशन अपनाकर आप उमस से छुटकारा पा सकते हैं और कूलर की ठंडक का पूरा आनंद ले सकते हैं.
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