eSIM vs SIM Card
साइबर अपराधी आज फ्रॉड करने के लिए कई नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके बारे में जिन्हें नहीं पता होता वे स्कैमर्स के शिकार बन जाते हैं. आप इस जानकारी से इस तरह के कई स्कैम से अपना बैंक अकाउंट बचा सकते हैं. दरअसल अब एक नई तकनीक चली है, eSIM, जो कि आपके फोन में डिजिटल रूप से इंस्टॉल कर दी जाती है. इस फिजिकल सिम की तरह छू नहीं सकते. यह तकनीक स्कैमर्स के लिए आपका अकाउंट खाली करने का एक अच्छा मौका है और हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक यह बताया गया है कि एक व्यक्ति के अकाउंट में से स्कैमर्स ने OTP भेज कर चंद मिनटों में 4 लाख रुपए अकाउंट से निकाल लिए. तो अगर आप चाहते हैं कि ऐसा स्कैम आपके साथ न हो तो यहां जानें कैसे खुद को इस स्कैम से बचा सकते हैं.
अगर आपको इस स्कैम से बचना है तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर स्कैमर्स इस तरह का स्कैम कैसे कर रहे हैं. इसके लिए स्कैमर्स आपको पहले कॉल या एस.एम.एस भेजेंगे, उसके बाद स्कैमर्स आपको फेक ई-सिम को एक्टिव करने के लिए एक लिंक भेजेंगे, जिसे अगर आप क्लिक करते हैं तो आपका फिजिकल सिम काम करना बंद कर देगा और फोन में सिग्नल भी आने बंद हो जाएंगे जिसके बाद आपका नंबर डायरेक्ट स्कैमर के पास चला जाएगा. साथ ही आपके सभी OTP, SMS और कॉल स्कैमर्स के पास चले जाएंगे. इन OTP’s की मदद से वे रीसेट पासवर्ड कर के आपके अकाउंट से खुद-ब-खुद ट्रांजैक्शन कर लेंगे और पूरा अकाउंट खाली कर देंगे.
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जहां एक तरफ फिजिकल सिम में किसी भी स्कैमर को स्कैम करने के लिए आपके वेरीफिकेशन की जरूरत होती है, तो वहीं दूसरी तरफ इस ई-सिम से स्कैमर्स आपके अकाउंट को मिनटों में खाली कर देंगे. इस पर एक्सपर्ट्स का मानना यह है कि अगर आप अपना यूपीआई और एटीएम को डिसेबल भी करते हैं तब भी आपका अकाउंट रिस्क में रहेगा.
इस स्कैम से बचने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के मुताबिक इससे बचने के लिए लोगों को कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा जैसे:
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