अगर आपको Maharaja जैसी थ्रिलर फिल्में पसंद आई हैं तो आप अकेले नहीं हैं. ऐसी कहानियां दिल और दिमाग दोनों को झकझोर देती हैं. ऐसी मूवी लंबे समय तक याद रहती हैं. अच्छी बात यह है कि Maharaja जैसी बहुत सी दूसरी फिल्में भी हैं, जो आपको अंदर तक हिला देंगी.
साउथ इंडियन सिनेमा की डार्क स्टोरीटेलिंग हो या इंटरनेशनल फिल्मों की स्मार्ट और शॉकिंग ट्विस्ट्स, हर जगह से ऐसी कहानियां मिल जाएंगी जो आपके रोंगटे खड़े कर देंगी. यह सिर्फ टाइम पास एंटरटेनमेंट नहीं होता, बल्कि ऐसा इमोशनल रोलरकोस्टर होता है जिसमें आप उलझ जाते हैं. कभी-कभी किरदार इतने फ्लॉड होते हैं कि समझ ही नहीं आता किसके साथ सहानुभूति रखनी है और किससे डरना चाहिए. आइए आपको भी यहां पर Maharaja जैसी ही दिमाग हिलाने वाली दूसरी मूवी के बारे में बताते हैं.
Drishyam सिर्फ एक मिस्ट्री नहीं है, ये एक इमोशनल थ्रिलर है जो यह दिखाता है कि एक इंसान किस हद तक जा सकता है जब उसके अपनों की बात हो. कहानी जितनी सिम्पल लगती है, उतनी ही लेयर्ड है. एक आम आदमी का मस्तिष्क और सिस्टम को मात देना, इससे बेहतर माइंड गेम शायद ही कहीं मिलेगा.
सच और झूठ के बीच का फर्क तब मिटता है जब हर किरदार ग्रे हो. गुड बनाम बैड की यह कहानी नहीं है. यह उस स्पेस में ले जाती है जहां हर निर्णय, हर मोड़, एक नई परत खोलता है. थ्रिल और फिलॉसफी का ऐसा मेल कम ही देखने को मिलता है. Vedha का हर डायलॉग एक सवाल की तरह आता है और जवाब आप खुद खोजने लगते हैं.
एक सीरियल किलर के पीछे भागता एक इंस्पेक्टर पर यह कहानी सिर्फ क्राइम सॉल्विंग की नहीं है. यह डर और मनोविज्ञान की उस दुनिया की सैर है जहां हर क्लू, हर कट जैसे स्क्रीन से निकलकर आपके पास आ जाता है. बैकग्राउंड स्कोर दिल की धड़कनों से स्पर्धा करता है.
Anurag Kashyap की ये फिल्म एक बच्ची के किडनैप से शुरू होती है, लेकिन असल किडनैप तो इंसानियत और रिश्तों का हुआ होता है. हर किरदार इतना रॉ, इतना सच कि फिल्म खत्म होने के बाद भी उसकी गंध मन में बनी रहती है.
एक प्रेग्नेंट महिला कोलकाता की गलियों में अपने पति को ढूंढती है. पर असल में वो क्या ढूंढ रही है? फिल्म जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, एक नॉर्मल सस्पेंस थ्रिलर से हटकर वो एक माइंड गेम में बदल जाती है. एंडिंग आपको झटका नहीं देती वह आपको अंदर तक हिला देती है.
यह कहानी न केवल जुड़वा की पहचान में उलझी है, बल्कि कानून और सच्चाई के उस ट्रैप में भी जहां सब कुछ एक ब्लर जोन में होता है. आखिर में जो सामने आता है, वो सोच से परे होता है. सस्पेंस का क्लासिक साउथ इंडियन डोज़ है.
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