दिल्ली सरकार अब एक नई पहल पर काम कर रही है, जिसके तहत राजधानी के नागरिक मैरिज सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य सरकारी सेवाओं से जुड़े डॉक्यूमेंट्स के लिए व्हाट्सएप के जरिए अप्लाई कर सकेंगे. अब दिल्ली के लोगों को इन बुनियादी सर्टिफिकेट्स के लिए लंबी लाइनों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा और न ही बिचौलियों के चक्कर काटने होंगे. अधिकारियों ने बताया है कि इस पहल को ‘WhatsApp Governance’ नाम दिया जाएगा, जिसके जरिए लोग कई सेवाओं के लिए अप्लाई कर सकेंगे, डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन करा सकेंगे और सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकेंगे.
इस नई सर्विस से दिल्ली के नागरिक घर बैठे ही अलग-अलग डिपार्टमेंट्स की सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे. इसके लिए उन्हें अलग-अलग मोबाइल ऐप या सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी. यानी घर बैठे ही नागरिकों को सुविधा, ट्रांसपेरेंसी और सुशासन का लाभ मिलेगा. एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि यह पहल शासन की कुशलता को भी बढ़ाएगी.
इस सुविधा के तहत नागरिक आसानी से इन सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे:
व्हाट्सएप के जरिए ऑनलाइन अप्लाई करने की यह प्रक्रिया पारंपरिक और मैनुअल तरीके से कहीं ज्यादा तेज़ और ट्रांसपेरेंट होगी.
आगामी व्हाट्सएप गवर्नेंस प्लेटफॉर्म पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित मल्टीलिंगुअल चैटबॉट होगा, जो शुरुआत में हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा में उपलब्ध रहेगा. यह चैटबॉट नागरिकों को गाइड करेगा, सेवाओं को ऑटोमेट करेगा और डिपार्टमेंट की जानकारी टेक्स्ट, इमेज और वीडियो के ज़रिए शेयर करेगा.
नागरिक सिर्फ एक ‘Hi’ मैसेज व्हाट्सएप नंबर पर भेजकर आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे. इसके बाद उन्हें एक फॉर्म मिलेगा, जिसे भरना होगा. इसके साथ ही आवश्यक डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होंगे और पूरी प्रक्रिया व्हाट्सएप पर ही पूरी हो जाएगी.
शुरुआत में करीब 25 से 30 सेवाओं को व्हाट्सएप गवर्नेंस सिस्टम से जोड़ा जाएगा और धीरे-धीरे अन्य डिपार्टमेंट भी इसमें शामिल किए जाएंगे. इस प्लेटफॉर्म को दिल्ली के ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा ताकि बेहतर तालमेल हो सके.
इसके अलावा, सार्वभौमिकता सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली के सभी ज़िलों में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) स्थापित किए जाएंगे, जहां नागरिक मात्र 50 रुपये शुल्क देकर यह सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे. इससे वो लोग भी लाभ उठा पाएंगे जिनके पास स्मार्टफोन या इंटरनेट की सुविधा नहीं है.
अधिकारियों का कहना है कि यह पहल दिल्ली की बड़ी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन रणनीति का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 24×7 उपलब्ध, जिम्मेदार और पारदर्शी शासन व्यवस्था बनाना है. इस कदम के साथ ही दिल्ली सरकार की पहले की ‘डोरस्टेप डिलीवरी’ योजना को बंद किया जा सकता है.