UIDAI soon rule with photo, QR code Aadhaar card offline verification
UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) Aadhaar को पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने ToI को दिए गए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि नवंबर 2025 तक एक नया e-Aadhaar सिस्टम पूरी तरह लागू हो जाएगा, जिससे आधार कार्ड की फोटोकॉपी ले जाने की जरूरत खत्म हो जाएगी और आधार डिटेल्स को अपडेट करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा.
UIDAI प्रमुख ने साफ किया कि नया सिस्टम इतना सरल और सिटीजन सेंट्रिक होगा कि यूजर घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए अपने आधार में नाम, पता, मोबाइल नंबर और जन्मतिथि जैसे डिटेल्स अपडेट कर पाएंगे. यानी सिर्फ फिंगरप्रिंट और IRIS स्कैन के लिए सेंटर जाना होगा.UIDAI के अनुसार, ये नया एप्लिकेशन अभी तक 2,000 मशीनों में लागू हो चुका है और इसका टारगेट 1 लाख मशीनें हैं.
नए डिजिटल आधार सिस्टम की खास बात इसका QR Code आधारित डेटा शेयरिंग सिस्टम है. यूजर अब मास्क्ड या फुल आधार फॉर्मेट के बीच चुनाव कर सकेंगे, जैसे होटल में चेक-इन करना हो, ट्रेन में यात्रा हो या प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन. डेटा सिर्फ यूजर की स्वीकृति (consent) से ही साझा होगा.
यह सिस्टम नागरिकों को अपनी पहचान पर और ज्यादा नियंत्रण देगा और आधार के दुरुपयोग की आशंका को भी कम करेगा. डॉक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं, सरकारी डाटाबेस से होगा मिलान, यूजर द्वारा अपडेट की गई जानकारी को UIDAI स्वचालित रूप से कई सरकारी डेटाबेस से मिलाएगा, जैसे:
इससे लोगों को दस्तावेज इकट्ठा करने, फोटोकॉपी कराने या सत्यापन के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
UIDAI का मानना है कि यह नया सिस्टम प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन जैसे मामलों में फर्जी पहचान या फर्जी मालिकाना हक के मामलों को रोकने में मदद करेगा. UIDAI राज्यों के साथ मिलकर ऐसी प्रक्रिया बना रहा है जिससे आधार वेरिफिकेशन प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में अनिवार्य किया जा सके.
इसके अलावा होटल, लॉज, ट्रेवल और सिक्योरिटी इंडस्ट्री में भी QR कोड आधारित आधार को अपनाने की प्रक्रिया चल रही है.
UIDAI ने बताया कि अभी 5–7 साल और 15–17 साल के बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट अनिवार्य है. लेकिन अब तक लाखों बच्चों के रिकॉर्ड अपडेट नहीं हुए हैं. UIDAI CBSE और अन्य बोर्ड्स के साथ मिलकर एक स्कूल आधारित अपडेट ड्राइव शुरू करने जा रहा है ताकि लगभग 8 करोड़ बच्चों (5–7 वर्ष) और 10 करोड़ किशोरों (15–17 वर्ष) का आधार बायोमेट्रिक अपडेट किया जा सके. इस ड्राइव में पेरेंट्स और स्कूल दोनों को एक्टिव रूप से जोड़कर आधार की विश्वसनीयता को बढ़ाने की योजना है.
UIDAI अन्य सरकारी विभागों, सिक्योरिटी एजेंसियों, होटल इंडस्ट्री और प्राइवेट सेक्टर्स के साथ बातचीत कर रहा है ताकि आधार आधारित सेवाओं का दायरा और बढ़ाया जा सके. भविष्य में आधार का उपयोग होटल बुकिंग, किराया एग्रीमेंट, सरकारी लाभ योजनाओं, टूरिज़्म सेक्टर आदि में और अधिक बढ़ाया जाएगा.
UIDAI का यह ‘e-Aadhaar सिस्टम’ नवंबर 2025 तक पूरी तरह देशभर में लागू हो जाएगा और इससे आम जनता को न सिर्फ सुविधा मिलेगी बल्कि पहचान को लेकर फर्जीवाड़ा भी रुकेगा.
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