अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump के नाम पर भारत में बड़ा स्कैम चल रहा है. इससे लोगों से 2 करोड़ रुपये से ज्यादा ठग लिए गए हैं. कर्नाटक में 200 से ज्यादा लोगों ने साइबर क्राइम पुलिस से शिकायत की है. लोगों का कहना है कि पिछले 5-6 महीनों में Trump Hotel Rental नाम के एक फर्जी ऐप ने उनसे लगभग 2 करोड़ रुपये की ठगी की.
इस ऐप ने अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump के AI-जनरेटेड वीडियो और फोटो का इस्तेमाल कर निवेशकों को लुभाया. हालांकि, यह ऐप फिलहाल बंद हो चुका है. Times of India की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का दावा है कि इस स्कैम ने 800 से ज्यादा निवेशकों को चूना लगाया, जिनमें से कुछ ने 10 लाख रुपये तक निवेश किए थे.
Trump Hotel Rental ऐप ने निवेशकों को कम समय में 100% से ज्यादा मुनाफे का लालच दिया. रिपोर्ट के अनुसार, स्कैमर्स ने सोशल मीडिया पर टारगेटेड विज्ञापनों और YouTube पर AI-जनरेटेड वीडियो के जरिए लोगों को आकर्षित किया. जिसमें ट्रम्प होटल रेंटल्स में निवेश और वर्क-फ्रॉम-होम के मौके का वादा था.
ऐप का डैशबोर्ड निवेशकों को उनके “कमाए गए” पैसे दिखाता था, जो हकीकत में कभी नहीं थे. CEN (Cybercrime, Economic Offences, Narcotics) के सर्कल इंस्पेक्टर SR Ganachari ने बताया कि हर टास्क पूरा करने पर डैशबोर्ड में “कमाई” बढ़ती दिखती थी, जो निवेशकों को और पैसा लगाने के लिए ललायित करता था.
बेंगलुरु, तुमकुरु, मंगलुरु, हुबली, धारवाड़, कालाबुरागी, शिवमोग्गा, बल्लारी, बीदर और हावेरी में पुलिस स्टेशनों पर मामले दर्ज किए गए हैं. हावेरी में अकेले 15 FIR दर्ज हुईं लेकिन पुलिस को शक है कि कई और पीड़ित सामने नहीं आए. हावेरी के SP Anshu Kumar ने ANI को बताया कि स्कैमर्स ने शुरुआत में छोटी रकम (50-100 रुपये) मांगी और 500 रुपये तक रिटर्न का वादा किया. बाद में लोगों का भरोसा जीतकर उनसे लाखों रुपये निवेश करवाए गए.
हावेरी के एक 38 वर्षीय वकील ने जनवरी 25 से अप्रैल 4, 2025 के बीच 5.93 लाख रुपये गंवाए. Economic Times के मुताबिक, उन्होंने YouTube पर एक AI-जनरेटेड वीडियो देखा, जिसमें Trump Hotel Rental में निवेश का ऑफर था. 1,500 रुपये की रजिस्ट्रेशन फीस के बाद, उन्हें 3% डेली रिटर्न का लालच दिया गया. शुरू में 30 रुपये रोज मिले और 300 रुपये निकालने की इजाजत थी. भरोसा होने पर उन्होंने 5,000 से लेकर 1 लाख रुपये तक निवेश किया, लेकिन पैसे निकालने के लिए “टैक्स” मांगा गया और फिर कोई रकम वापस नहीं मिली. पुलिस ने स्कैमर्स के एक अकाउंट में 1.5 लाख रुपये फ्रीज किए हैं.
हावेरी CEN इंस्पेक्टर SR Ganachari ने TOI को बताया कि डिजिटल फुटप्रिंट्स का विश्लेषण कर स्कैमर्स का पता लगाया जा रहा है. ऐप और उससे जुड़े डिजिटल एसेट्स बंद हो चुके हैं, लेकिन पुलिस को डर है कि स्कैमर्स नए नामों से फिर सक्रिय हो सकते हैं. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. हालांकि, जांच कई जिलों में चल रही है.
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