telegram ceo father of 100 children billionaire
Telegram के संस्थापक और CEO पावेल ड्यूरोव (Pavel Durov) ने एलान किया है कि वे अपनी पूरी संपत्ति अपनी 106 संतानों में बांटेंगे. इन संपत्तियों की कुल कीमत करीब 17 बिलियन डॉलर (लगभग ₹1.41 लाख करोड़) है. फ्रांस की एक मैगजीन Le Point को दिए इंटरव्यू में ड्यूरोव ने बताया कि वे 40 साल के हैं और अब तक वे 106 बच्चों के जैविक पिता बन चुके हैं.
उन्होंने आगे बताया कि 106 बच्चों में से 6 बच्चे 3 अलग-अलग महिलाओं के साथ सामान्य तरीके से जन्मे हैं, जबकि बाकी 100 से अधिक बच्चे उन्होंने 12 देशों में स्पर्म डोनेशन के जरिए पाए हैं. उन्होंने कहा, “मैं अपने सभी बच्चों को समान मानता हूं, चाहे वे सामान्य तरीके से जन्मे हों या स्पर्म डोनेशन से. सभी को बराबरी की विरासत मिलेगी.”
ड्यूरोव की योजना के अनुसार, उनके किसी भी बच्चे को 2055 से पहले यह विरासत नहीं मिलेगी. यानी 19 जून 2055 के बाद ही सभी को उनकी हिस्सेदारी मिलेगी. इस फैसले के पीछे उनकी सोच है कि बच्चे खुद मेहनत करें और बैंक बैलेंस पर निर्भर न रहें. उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि वे सामान्य जीवन जिएं, खुद पर भरोसा करना सीखें और खुद कुछ बनाएं.”
गौरतलब है कि ड्यूरोव इस वक्त फ्रांस में जांच के घेरे में हैं. अगस्त 2024 में फ्रांस के बोरजेट एयरपोर्ट पर उनकी गिरफ्तारी हुई थी. उन पर आरोप है कि उन्होंने टेलीग्राम प्लेटफॉर्म के जरिए ड्रग्स तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, बच्चों से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री और ऑर्गनाइज्ड क्राइम को बढ़ावा दिया.
ड्यूरोव ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने Le Point से कहा, “मेरे खिलाफ आज तक कोई भी पुख्ता सबूत नहीं है जिससे साबित हो कि मैं किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल रहा हूं.”
टेलीग्राम ने अपने CEO का बचाव करते हुए एक बयान में कहा, “पावेल ड्यूरोव के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. वे यूरोप में नियमित यात्रा करते हैं. यह कहना बेतुका है कि कोई प्लेटफॉर्म या उसके मालिक को उस प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग के लिए दोषी ठहराया जाए.”
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह यूरोपीय यूनियन के Digital Services Act जैसे कानूनों का पालन करती है और उसके कंटेंट मॉडरेशन के नियम इंडस्ट्री के मानकों पर खरे उतरते हैं.
2013 में लॉन्च हुई टेलीग्राम अपने मजबूत एन्क्रिप्शन फीचर्स और प्राइवेसी फर्स्ट पॉलिसी के लिए जानी जाती है. यही कारण है कि यह प्लेटफॉर्म एक ओर जहां करोड़ों यूजर्स को आकर्षित करता है, वहीं दूसरी ओर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए सिरदर्द भी बन चुका है.
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