पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान में हलचल मचा दी है. 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर घाटी में हुई इस आतंकी घटना में कई लोगों की जान चली गई. इनमें से ज्यादातर टूरिस्ट्स थे. इस घटना के बीच पाकिस्तान के होने पुख्ता सबूत मिले हैं. इस वजह से दोनों देशों के बीच टेंशन काफी ज्यादा बढ़ गई है.
भारत में लोग सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग कर रहे हैं. वहीं भारतीय डिफेंस फोर्सेस अपने ऑप्शन्स तौल रही हैं. भले ही जमीनी ऑपरेशन अभी शुरू नहीं हुए, लेकिन साइबरस्पेस में जंग छिड़ चुकी है. दोनों देशों के हैकर्स ग्रुप्स ने एक-दूसरे पर साइबर अटैक्स शुरू कर दिए हैं.
Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत समर्थक हैक्टिविस्ट्स ने पाकिस्तान सरकार और प्राइवेट सेक्टर के डेटाबेस को निशाना बनाया है. जिसमें Euro Oil, AJK सुप्रीम कोर्ट, यूनिवर्सिटी ऑफ बालोचिस्तान, वडा कॉल एजेंसी और सिंध पुलिस शामिल हैं.
भारत समर्थक हैक्टिविस्ट्स ने पाकिस्तान की डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को हिलाने की कोशिश की है. Euro Oil और सिंध पुलिस जैसे टारगेट्स पर डेटा ब्रीच और डिसरप्शन के अटैक्स किए गए. जवाब में पाकिस्तान के हैकर्स खासतौर पर Team Insane PK ग्रुप ने इंडियन आर्मी कॉलेज ऑफ नर्सिंग की वेबसाइट को हैक कर लिया.
उन्होंने एक उकसाने वाला मैसेज छोड़ा है जो धार्मिक मतभेदों को लेकर है और पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर के हालिया “टू-नेशन थ्योरी” वाले बयान को सपोर्ट करता है. Firstpost के मुताबिक, इस ग्रुप ने श्रीनगर और रानीखेत के आर्मी पब्लिक स्कूल्स की वेबसाइट्स को भी निशाना बनाया, DDoS अटैक्स के साथ डिफेसमेंट करके उन्हें कुछ देर ऑफलाइन किया. भारतीय वेब मैनेजर्स ने जल्दी ही साइट्स रीस्टोर कर दीं.
साइबरसिक्योरिटी एक्सपर्ट्स, जैसे PwC इंडिया के सुंदरेश्वर कृष्णमूर्ति चेतावनी दे रहे हैं कि ये अटैक्स अब रैंडम नहीं, बल्कि जियोपॉलिटिकल स्ट्रैटेजी का हिस्सा हैं. Quick Heal ने पाकिस्तान के APT36 (ट्रांसपेरेंट ट्राइब) ग्रुप द्वारा CrimsonRAT मालवेयर और MeshAgent RMM टूल्स के जरिए फिशिंग कैंपेन चलाने की पहचान की.
भारतीय सरकारी वेबसाइट्स की नकल करने वाले फर्जी डोमेन्स से जुड़े हानिकारक PDF फाइल्स भी ऑनलाइन सर्कुलेट हो रहे हैं. भारतीय ऑफिशियल्स का कहना है कि उन्होंने हाल के दिनों में पाकिस्तान से आने वाले कई अटैक्स को नाकाम किया. इन कोऑर्डिनेटेड अटैक्स, जो कथित तौर पर स्टेट-बैक्ड हैं, भारत के डिफेंस, गवर्नमेंट, और क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट कर रहे हैं. DDoS अटैक्स और वेबसाइट डिफेसमेंट्स का मकसद पब्लिक के भरोसे को कमजोर करना है.
साइबर वॉर के साथ-साथ ज़मीनी और डिप्लोमैटिक तनाव भी बढ़ रहा है. The Hindu की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने इंडस वॉटर्स ट्रीटी सस्पेंड कर दी, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद किया, और पाकिस्तानी नागरिकों को निकाले का ऐलान कर दिया है. पाकिस्तान ने शिमला एग्रीमेंट सस्पेंड किया और चेतावनी दी कि वॉटर डायवर्जन “वॉर का ऐक्ट” होगा.
यह साइबर वॉर सिर्फ वेबसाइट डिफेसमेंट या डेटा चोरी तक सीमित नहीं है. यह साइकोलॉजिकल और स्ट्रैटेजिक बैटल है. पाकिस्तान का APT36 जैसे ग्रुप्स का यूज स्टेट-बैक्ड इरादों की ओर इशारा करता है. Quick Heal ने OTT प्लेटफॉर्म्स पर 10-15% ज़्यादा मालिशियस ऐड्स में पाकिस्तानी झंडे देखे, जो प्रोपेगैंडा का हिस्सा हैं. दोनों देश टेक का यूज करके अपनी ताकत और नैरेटिव को पुश कर रहे हैं. ऐसे में यूजर्स को भी सावधान रहने की जरूरत है.
किसी भी फिशिंग PDFs और सस्पिशियस लिंक्स से बचें. हमेशा सोर्स वेरिफाई करें. पाकिस्तान के प्रोपगैंडा वाले मैसेज का शिकार ना बनें.
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