भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष के बीच एक और जंग इंटरनेट की छाया में लड़ी जा रही है। वह जंग है ‘ऑपरेशन साइबरशक्ति’, जो कथित तौर पर भारतीय हैकर्स द्वारा चलाया जा रहा एक साइबर हमला है। यह मिशन पाकिस्तान की सरकारी वेबसाइटों और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को गंभीर नुकसान पहुंचाने का दावा कर रहा है।
‘ऑपरेशन साइबरशक्ति’ एक भारतीय हैकर ग्रुप की पहल बताई जा रही है, जो पाकिस्तान के वेब इन्फ्रास्ट्रक्चर, खासतौर से रक्षा और सरकारी वेबसाइटों को निशाना बना रहा है। इस साइबर ऑपरेशन में स्पीयर फिशिंग, डेटा ब्रीच, और वेबसाइट डिफेसमेंट जैसे उन्नत साइबर हमलों का इस्तेमाल किया गया है। इसके जरिए पाकिस्तान की डिजिटल सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
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X पर किए गए एक दावे के अनुसार, ऑपरेशन साइबरशक्ति के तहत पाकिस्तान की जेलों की जानकारी लीक, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज के डेटाबेस तक अनधिकृत पहुंच, सबसे पुराने पावर प्लांट को नुकसान, और बैंकिंग ट्रांजेक्शन डेटा तक की चोरी को अंजाम दिया गया है। इतना ही नहीं, ऑपरेशन साइबरशक्ति के हैकर्स ने 1000 से ज्यादा सीसीटीवी सिस्टम हैक करने और 700 से ज्यादा वेबसाइट्स डाउन करने का भी दावा किया है।
ऑपरेशन साइबरशक्ति की यह कार्रवाई उस समय सामने आई है जब पहलगाम आतंकी हमले (अप्रैल 2025) के बाद पाकिस्तानी हैकरों ने भारत पर साइबर हमला तेज कर दिया था। पाकिस्तान की हैकिंग ग्रुप “Pakistan Cyber Force” ने दावा किया था कि उन्होंने भारतीय रक्षा संस्थानों जैसे मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज (MES) और मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (MP-IDSA) के डेटा में सेंधमारी की है।
ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाक हैकरों ने 10GB से ज्यादा संवेदनशील डेटा — जैसे कि नाम, सर्विस नंबर, ईमेल आईडी — चुरा लिए, जिससे सैन्य अधिकारियों पर स्पीयर फिशिंग और पहचान की चोरी का खतरा बढ़ गया।
माना जा रहा है कि ऑपरेशन साइबरशक्ति की कार्रवाइयां केवल जवाबी हमला नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तान के सार्वजनिक डिजिटल ढांचे को बड़ा नुकसान पहुंचाने का एक सुव्यवस्थित प्रयास हैं।
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