ChatGPT में आया धांसू फीचर, अब दोस्तों के साथ मिलकर भी कर सकेंगे AI से बातचीत, ट्रिप प्लानिंग से लेकर डिस्कशन तक में आएगा काम

Updated on 14-Nov-2025

ChatGPT को अब अकेले इस्तेमाल करने का दौर खत्म माना जा सकता है. OpenAI ने पहली बार मल्टी-यूजर बातचीत का फीचर लॉन्च कर दिया है. कंपनी ने ChatGPT ग्रुप चैट पेश किया है, जहां यूजर अपने दोस्तों, परिवार या टीम के साथ एक ही चैट में AI के साथ मिलकर प्लानिंग, डिस्कशन और आइडिया शेयर कर सकेंगे.

यह फीचर अभी जापान, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण कोरिया और ताइवान में पायलट के तौर पर शुरू हुआ है, लेकिन जल्द ही विश्वभर में इसे उपलब्ध कराया जाएगा. भारत में भी जल्द ChatGPT का ये फीचर लॉन्च हो सकता है.

ChatGPT का ग्रुप चैट फीचर

OpenAI के मुताबिक, नया ग्रुप चैट फीचर ChatGPT को एक कोलैबोरेशन टूल में बदल देता है. यूजर ऐप में मौजूद नए आइकन पर टैप करके एक ग्रुप बना सकते हैं. ChatGPT एक लिंक जनरेट करता है जिसे कोई भी यूजर (फ्री या पेड) जॉइन कर सकता है. एक चैट में अधिकतम 20 लोग शामिल हो सकते हैं.

अगर यूज़र किसी पहले से चल रही चैट को ग्रुप में बदलना चाहते हैं, तो ChatGPT उसकी एक अलग कॉपी बना देता है, ताकि पुरानी प्राइवेट बातचीत सुरक्षित रहे और नए ग्रुप के लिए अलग चैट तैयार हो जाए. हर सदस्य अपना प्रोफाइल नाम, यूजरनेम और फ़ोटो सेट कर सकता है, जिससे बातचीत में पहचान आसान रहती है.

इस फीचर की खास बात यह है कि ChatGPT ग्रुप में हर मैसेज का जवाब तुरंत नहीं देता. वह बातचीत के फ्लो को समझकर सही समय पर ही जवाब देता है. जरूरत पड़ने पर यूजर उसे टैग करके बुला सकते हैं. यहां तक कि अब यूज़र मैसेजों पर इमोजी रिएक्शन भी देखेंगे, यानी AI अब आपकी बातों पर थम्ब्स-अप भी कर सकता है.

कस्टम इंस्ट्रक्शंस, मल्टी-मॉडल सपोर्ट और प्राइवेसी कंट्रोल्स

यूजर हर अलग ग्रुप के लिए अलग कस्टम इंस्ट्रक्शंस सेट कर सकते हैं. यानी वर्क ग्रुप में AI को प्रोफेशनल टोन में रखा जा सकता है, जबकि फ्रेंड्स ग्रुप में उसका बिहेवियर कैजुअल रखा जा सकता है.

ग्रुप चैट GPT-5.1 Auto मॉडल पर चलता है जो हर सदस्य की सब्सक्रिप्शन के अनुसार सबसे अच्छा मॉडल चुनता है. उदाहरण के लिए, अगर ग्रुप में किसी के पास ChatGPT Pro है और किसी के पास फ्री प्लान है, तब भी दोनों अपनी-अपनी कैपेबिलिटी के हिसाब से जवाब देखेंगे.

सभी बड़े टूल्स वेब ब्राउजिंग, इमेज अपलोड, फाइल शेयरिंग, डिक्टेशन और इमेज जनरेशन ग्रुप चैट में उपलब्ध हैं. यानी एक ग्रुप एक ही चैट में रोड ट्रिप प्लान भी कर सकता है, पोस्टर भी बना सकता है और फाइलें भी शेयर कर सकता है.

प्राइवेसी के मामले में OpenAI कहता है कि ग्रुप चैट में कोई भी प्राइवेट मेमोरी सेव नहीं होती. कोई भी यूजर कभी भी ग्रुप छोड़ सकता है और सिर्फ ग्रुप क्रिएटर को बाहर नहीं किया जा सकता. अगर कोई नाबालिग चैट में शामिल होता है तो पूरी चैट पर संवेदनशील कंटेंट फिल्टर अपने आप एक्टिव हो जाते हैं.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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