Elon Musk के Starlink के साथ इस राज्य ने किया समझौता, सीधे आसमान से मिलेगा इंटरनेट, जानें बड़ी बातें

Updated on 06-Nov-2025

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट का नया अध्याय शुरू हो गया है. महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को Starlink Satellite Communications (Elon Musk की SpaceX की सहायक कंपनी) के साथ Letter of Intent (LoI) साइन किया. यह भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने Starlink के साथ औपचारिक समझौता किया है.

यह साझेदारी फिलहाल प्रारंभिक चरण में है और इसका औपचारिक रूप तब बनेगा जब Starlink को भारत के डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) और केंद्र सरकार से सभी आवश्यक नियामकीय और अनुपालन मंज़ूरी मिल जाएगी. महाराष्ट्र बना भारत का पहला राज्य जिसने Starlink के साथ समझौता किया है.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने X (पहले Twitter) पर पोस्ट कर कहा कि महाराष्ट्र पहला राज्य है जिसने Starlink के साथ आधिकारिक रूप से LoI साइन किया है. समझौते का उद्देश्य है राज्यभर में सैटेलाइट-आधारित हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी को लागू करना है. Starlink की वाइस प्रेसिडेंट Lauren Dreyer मुंबई पहुंचीं, जहां उन्होंने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यह समझौता साइन किया. यह पहल महाराष्ट्र को भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगी.

ग्रामीण और पिछड़े जिलों को मिलेगी हाई-स्पीड कनेक्टिविटी

महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि Starlink की सेवाएं राज्य के सरकारी संस्थानों, ग्रामीण इलाकों और महत्वपूर्ण सार्वजनिक ढांचों में लगाई जाएंगी. पहले चरण में चुनिंदा जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी. जिनमें गढ़चिरोली, नंदुरबार, धाराशिव (पूर्व में उस्मानाबाद) और वाशीम शामिल हैं. ये जिले भौगोलिक रूप से दुर्गम हैं और फाइबर नेटवर्क बिछाना यहां कठिन है. इसलिए सैटेलाइट इंटरनेट यहां कनेक्टिविटी गैप को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

‘Digital Maharashtra’ और विकास मिशनों से जुड़ा प्रोजेक्ट

मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि यह प्रोजेक्ट राज्य की ‘Digital Maharashtra’ पहल के साथ पूरी तरह तालमेल में है. यह योजना लास्ट-माइल डिजिटल कनेक्टिविटी और डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देगी.

Starlink का नेटवर्क आगे चलकर अन्य परियोजनाओं से भी जोड़ा जाएगा. इसमें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर, तटीय विकास योजनाएं, डिजास्टर रेज़िलियंस सिस्टम, जहां बिना रुकावट इंटरनेट कनेक्शन बेहद जरूरी है. फडणवीस ने कहा कि यह पहल न केवल ग्रामीण इलाकों की डिजिटल पहुंच बढ़ाएगी, बल्कि राज्य को एक स्मार्ट और कनेक्टेड इकोनॉमी में तब्दील करेगी.

Starlink दुनिया की सबसे बड़ी लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट कंस्टीलेशन ऑपरेटर है. अक्टूबर 2025 तक कंपनी के पास 8,811 सैटेलाइट्स कक्षा में मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 8,795 सक्रिय रूप से संचालित हो रहे हैं, जैसा कि Space.com की रिपोर्ट में बताया गया है.

कंपनी भारत में 2025 की शुरुआत से ही अपने कमर्शियल सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस को शुरू करने के लिए अनुमोदन प्रक्रिया में लगी हुई है. Starlink का यह समझौता भारत में उसकी पहली औपचारिक सरकारी साझेदारी है, जो कंपनी के लिए एक अहम प्रवेश बिंदु माना जा रहा है.

मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि यह सहयोग केंद्र सरकार की Digital India Mission को भी मजबूती देगा. इस मिशन का लक्ष्य है पूरे देश में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंटरनेट एक्सेस का विस्तार करना. अगर यह परियोजना सफल रहती है, तो महाराष्ट्र का यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल बन सकता है, खासकर उन इलाकों के लिए जहां अब तक इंटरनेट कनेक्टिविटी एक बड़ी चुनौती रही है.

भारत सरकार भी हाल के वर्षों में सैटेलाइट कम्युनिकेशन नीतियों को सरल और प्रोत्साहित कर रही है, ताकि निजी कंपनियां ग्रामीण भारत में कनेक्टिविटी के अंतर को भर सकें.

क्यों अहम है यह साझेदारी

  • यह भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक है.
  • इससे महाराष्ट्र के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में भी डिजिटल सेवाएं पहुंचेंगी.
  • सरकारी संस्थानों को अब क्लाउड-बेस्ड सेवाओं, ऑनलाइन गवर्नेंस और ई-लर्निंग की बेहतर सुविधा मिलेगी.
  • Starlink के आने से भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत होगा और इंटरनेट सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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